उत्तराखंडः देहरादून और मसूरी में रविवार को झमाझम बारिश हुई, जिससे मौसम सुहावना हो गया है। सोमवार को तड़के भी देहरादून में हल्की बूंदाबादी हुई। दोपहर बाद एक बार फिर दून में बारिश का दौर शुरू हो गया। पहाड़ी इलाकों में हुई बारिश से तापमान में खासी गिरावट दर्ज की जा रही है। वहीं बदरीनाथ, केदारनाथ, नई टिहरी और उत्तरकाशी सहित अधिकतर पहाड़ी क्षेत्रों में रातभर बारिश होती रही। हरिद्वार में बारिश से जलभराव हो गया। पहाड़ों की रानी मसूरी में देर रात से हो रही बारिश से जनजीवन अस्त-व्यस्त हो गया है। मसूरी में ठंड बढ़ गई है। बारिश होने के कारण सुबह स्कूल और ऑफिस जाने वाले लोगों को खासी परेशानी हुई। मसूरी देहरादून मार्ग पर कई जगह भूस्खलन होने से मार्ग पर मलबा आ गया है। पुलिस और प्रशासन की टीम मलबा हटाने में जुटी है। नई टिहरी और आसपास के क्षेत्रों में रात भर से झमाझम बारिश का सिलसिला सुबह तक जारी रहा। पिछले तीन दिनों से हो रही बारिश के कारण नई टिहरी में ठंड बढ़ गई है।
गंगोत्री और यमुनोत्री हाईवे पर आवाजाही सुचारू है। लगातार बारिश के कारण तापमान में गिरावट आ रही है। रुद्रप्रयाग से केदारनाथ तक बारिश हो रही है। राजधानी समेत आसपास के कई इलाकों में आज भी बारिश होने का अनुमान है। मौसम केंद्र की ओर से जारी बुलेटिन के अनुसार कई इलाकों में गरज और चमक के साथ बौछारें पड़ सकती हैं। जबकि कहीं-कहीं हल्की बारिश भी हो सकती है। आज सुबह नौ बजे लामबगड़ में बदरीनाथ हाईवे वाहनों की आवाजाही के लिए खोल दिया गया है। बता दें कि लामबगड़ में 21 घंटे बाद रविवार को बदरीनाथ हाईवे पर वाहनों की आवाजाही शुरू हुई थी, लेकिन सिर्फ तीन घंटे खुला रहने के बाद फिर चट्टान से मलबा और बोल्डर आने के कारण हाईवे फिर बंद हो गया था। हाईवे खुलने पर बदरीनाथ धाम और विभिन्न पड़ावों पर रोके गए करीब 4000 तीर्थयात्रियों को उनके गंतव्य को भेजा गया।
शनिवार को बारिश के दौरान चट्टान से मलबा और बोल्डर आने से लामबगड़ में बदरीनाथ हाईवे दोपहर में अवरुद्ध हो गया था। रविवार को बारिश थमने के बाद सुबह सात बजे ही जेसीबी से मलबा और बोल्डरों को हटाने का काम शुरू हुआ। इस दौरान जगह-जगह रोके गए करीब चार हजार तीर्थयात्रियों को उनके गंतव्य को भेजा गया, लेकिन फिर बारिश शुरू होने पर दोपहर में हाईवे बंद हो गया। लामबगड़ क्षेत्र में रविवार को दिनभर रुक-रुककर भारी बारिश होती रही। हाईवे अवरुद्ध होने से बदरीनाथ धाम जाने वाले करीब 500 तीर्थयात्रियों को यात्रा पड़ावों पर रोक लिया गया था। रुद्रप्रयाग-गौरीकुंड हाईवे गुप्तकाशी के समीप आज एक घंटे अवरूद्ध रहा। सुबह से मार्ग पर यातायात सुचारू हुआ। विकासनगर में 12 घंटे तक क्षेत्र में हुई झमाझम बारिश के बीच मौसम ठंडा हो गया। तापमान में खासा गिरावट दर्ज की गई। चकराता में लोगों ने गर्म कपड़े बाहर निकाल लिए। पूरा चकराता बाजार कोहरे के आगोश में समा गया। लोग स्वेटर, जैकेट पहने घूमते हुए नजर आए। रविवार और नवरात्र के पहले दिन मौसम की बदली करवट के बीच बड़ी संख्या में लोगों ने सैर सपाटे के लिए चकराता का रुख किया। विकासनगर का अधिकतम तापमान 27 और न्यूनतम 21 डिग्री दर्ज किया गया। चकराता का अधिकतम तापमान 17 डिग्री और 12 डिग्री रिकॉर्ड किया गया। शनिवार देर रात से ही क्षेत्र में झमाझम बारिश का दौर शुरू हो गया जो रविवार की दोपहर तक जारी रहा। जिससे अधिकतम और न्यूनतम तापमान में एक डिग्री की गिरावट दर्ज की गई।
बारिश के बाद दिनभर आसमान में बादल छाए रहे। जिसके चलते मौसम सुहावना बना रहा। दोपहर के बारिश के चलते सड़कों में भी सन्नाटा पसरा रहा हालांकि, बारिश बंद होते ही फिर से चहल-पहल शुरू हो गई। साहिया क्षेत्र में हुई झमाझम बारिश के बीच जजरेट के पास पहाड़ी फिर सक्रिय हो गई। जिस कारण दिनभर सड़क से पत्थरों के लुढकने का सिलसिला जारी रहा। दिनभर सड़क पर यातायात संचालित और बाधित होता रहा। लोनिवि की जेसीबी ने सड़क से पत्थर हटाए। मालूम हो कि सड़क से 40 से अधिक गांव की आबादी जुड़ी हुई है। उक्त सड़क को जौनसार बावर की लाइफ-लाइन भी कहा जाता है। रुड़की शहर से लेकर देहात तक रविवार को बारिश की वजह से सामान्य जनजीवन अस्त-व्यस्त रहा। इसके चलते लोगों को गर्मी से राहत जरूर मिलीं, लेकिन कई जगह बारिश आफत साबित हुई।
बरसात के साथ ही तेज हवाओं के चलते धान की फसल भी जमींदोज हो गई है। कृषि वैज्ञानिकों के अनुसार बारिश से धान की फसल को नुकसान पहुंच सकता है। शनिवार से शुरू हुई बारिश का क्रम रविवार सुबह भी चलता रहा। रुड़की में जहां हल्की बारिश हुई, वहीं लक्सर में अधिक बारिश की वजह से सीमली, केशव नगर, तहसील रोड, इंदिरा कॉलोनी समेत कई स्थानों पर जलभराव हो गया। लक्सर समेत कई क्षेत्रों में तेज हवा के चलते धान और गन्ने की फसल भी जमींदोज हो गई। इस वजह से किसानों के माथे पर चिंता की लकीरें हैं। किसान रजत शर्मा, शिव कुमार गर्ग, शेखर चौधरी और सुरेश शर्मा आदि ने बताया कि बारिश की वजह से खेतों में पानी भर गया है। उनका कहना था कि इतनी भारी बारिश अगर आगे होती है, तो किसानों की गन्ने की खड़ी फसल भी गिरकर चौपट हो जाएगी। उधर, धनौरी कृषि वैज्ञानिक केंद्र के प्रभारी पुरुषोत्तम कुमार का कहना है कि अब धान की फसल में दाना पड़ गया है। इसके गिरने से उत्पादन प्रभावित होगा।