मुंबई-लखनऊ: देश में निजी क्षेत्र के सबसे बड़े बैंक आई.सी.आई.सी.आई. बैंक की प्रमुख चंदा कोचर ने कहा है कि बैंक विकास के लिए नई रणनीति पर काम करेगा। 31 मार्च 2018 को खत्म हुई तिमाही में मुनाफे में 50 फीसदी की गिरावट के बाद बैंक ने सोमवार को कहा कि उसने वृद्धि दर वापस पाने के लिए “संरक्षित, परिवर्तन और विकास” रणनीति को लागू करने की योजना बना रही है।
बैंक की प्रबंध निदेशक और मुख्य कार्यकारी अधिकारी चंदा कोचर के मुताबिक, नई नीति में खुदरा कर्ज पोर्टफोलियो, समन्वय और तनावग्रस्त परिसंपत्तियों के समाधान पर ध्यान दिया जाएगा।
कोचर ने बैंक के तिमाही और वित्तीय नतीजों की घोषणा के बाद एक प्रेस वार्ता में कहा, “आगे आई.सी.आई.सी.आई. बैंक की रणनीति ‘संरक्षित, परिवर्तन और विकास’ के इर्द-गिर्द होगी।” उन्होंने यह भी कहा कि कंपनी की मंगलवार को होने वाली निदेशक मंडल की बैठक ‘सामान्य’ होगी और इसमें चालू वित्त वर्ष के बजट और रणनीति पर विचार किया जाएगा।
बैंक के मुताबिक, समीक्षाधीन तिमाही में उसका मुनाफा 1,020 करोड़ रुपए रहा, जबकि वित्त वर्ष 2016-17 की चौथी तिमाही में यह 2,025 करोड़ रुपए रहा। हालांकि इस दौरान आई.सी.आई.सी.आई. बैंक की ब्याज आय में मामूली तेजी दर्ज की गई और 31 मार्च, 2018 को खत्म तिमाही में यह 6,022 करोड़ रुपए रही, जबकि 31 मार्च, 2017 को खत्म हुई तिमाही में यह 5,962 करोड़ रुपए थी।