नई दिल्ली। लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने शुक्रवार को सदस्यों से कहा कि वे राज्यसभा और उसके पीठासीन अधिकारी के संदर्भ में कोई उल्लेख निम्न सदन में नहीं करें क्योंकि यह विधायी कार्य एवं सदन की मर्यादा के अनुकूल नहीं हैं। उन्होंने सदन में यह टिप्पणी उस वक्त की जब कांग्रेस नेता अधीर रंजन चौधरी ने ‘अशोभनीय आचरण’ को लेकर निलंबित किए गए राज्यसभा के 12 सदस्यों के संसद परिसर में धरने और उनके खिलाफ भाजपा के कई सांसदों के प्रदर्शन का मुद्दा उठाया।
चौधरी ने कहा, ”संसद परिसर में हमें आंदोलन करने की अनुमति है। विपक्ष के सांसद गांधी जी की प्रतिमा के निकट आंदोलन कर रहे हैं। भाजपा के सदस्यों ने वहां पहुंचकर नारेबाजी की।” इस पर संसदीय कार्य राज्य मंत्री अर्जुन राम मेघवाल ने कहा कि जैसे विपक्ष को गांधी जी प्रतिमा के सामने आंदोलन करने का अधिकार है, उसी तरह भाजपा के लोगों को भी है।
लोकसभा अध्यक्ष ने कहा कि दूसरे सदन और वहां के पीठासीन अधिकारी का उल्लेख करना विधायी कार्यों और सदन की मर्यादा के अनुकूल नहीं है। उन्होंने सदस्यों से कहा कि वे इसका ख्याल रखें।
दूसरी तरफ, तेलंगाना में किसानों से धान की खरीद और न्यूतम समर्थन मूल्य को लेकर कानून बनाने की मांग करते हुए तेलंगाना राष्ट्र समिति (टीआरएस) के सदस्यों ने शुक्रवार को आसन के निकट पहुंचकर नारेबाजी जारी रखी। वे पिछले पांच दिन से सदन में प्रदर्शन कर रहे हैं। सदन में टीआरएस के नेता नमा नागेश्वर राव ने कहा कि सरकार को धान खरीद के मुद्दे पर सदन में बयान देना चाहिए।