नई दिल्ली/चंडीगढ़। दुष्कर्म के दोषी डेरा सच्चा सौदा के प्रमुख गुरमीत राम रहीम को रोहतक की सुनरिया जेल में बनाई गई अस्थायी कोर्ट में जज ने दो अलग-अलग मामलों में दस-दस साल की कैद की सजा सुनाई है।
इसी प्रकार दोनों मामलों में 15-15 लाख जुर्माना लगाया गया है। कुल मिलाकर 10 साल की कैद व 30 लाख रुपए जुर्माना लगाया गया है। यह राशि पीडि़तों को दिलवाए जाने का आदेश है।
जिस समय सजा सुनाई जा रही थी उस वक्त राम रहीम हाथ जोड़े आंखों में आंसू लिए माफी की मांग कर रहा था। अदालत ने यह सजा धारा 376, 511 और 501 के तहत सुनाई है। फैसले के कारण जेल के बाहर भारी सुरक्षा इंतजाम किए गए थे।
सजा सुनाए जाने के बाद राम रहीम जमीन पर बैठकर रोने लगा, लेकिन उसे पकड़कर मेडिकल के लिए ले जाया गया और फिर उसे कैदियों के कपड़े दिए गए। इन्हें पहनते ही उसे जेल की नई बैरक में शिफ्ट किया जाएगा जहां उसे सजा के दौरान काम भी करना पड़ेगा।
जब कोर्ट में सुनवाई जारी थी तभी सिरसा के फुल्का में दो गाड़ियों को आग लगा दी गई। इसकी जानकारी सीबीआई के वकीलों ने फैसला सुना रहे जज को भी दी।
राम रहीम के वकीलों ने की थी दया की मांग –
इससे पहले सीबीआई और बचाव पक्ष दोनों के ही वकीलों ने 10-10 मिनट में अपना पक्ष रखा, जहां सीबीआई ने राम रहीम के खिलाफ सर्वाधिक सजा की मांग की थी।
सीबीआई के वकील ने कहा कि अब कोई संशय नहीं है। साध्वियों का यौन शोषण किया गया है। डेरा प्रमुख ने भावनाओं का दोहन किया है। उसे मिलने वाली सजा कम है।
वहीं बचाव पक्ष के वकील ने कहा कि राम रहीम समाजसेवी हैं और उनके कामों को देखते हुए सजा कम की जाए। वकील ने इस दौरान राम रहीम के विभिन्न कामों का भी जिक्र किया।
यह पहली बार है जब हरियाणा के किसी जेल परिसर में अदालत लगाकर सजा सुनाई गई है। फैसले के चलते पूरी जेल के आसपास भारी सुरक्षा इंतजाम किए गए थे, वहीं रोहतक में भी चप्पे-चप्पे पर नजर रखी जा रही थी।