रुड़की: आज आईआईटी रुड़की के दीक्षांत समारोह में शामिल होने के लिए राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद सुबह वायुसेना के विमान से जौलीग्रांट एयरपोर्ट पहुंचे। यहां वह कुछ रुके और रुड़की के लिए प्रस्थान किया। जौलीग्रांट एयरपोर्ट यहां मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत, राज्यपाल बेबी रानी मौर्य समेत तमाम लोगों ने उनकी अगवानी की। इस दौरान एयरपोर्ट पर पर्याप्त सुरक्षा व्यवस्था बनाई गई थी। राष्ट्रपति सुबह रुड़की पहुंचे। यहां से वह आईआईटी के दीक्षांत समारोह में पहुंचे। यहां उन्होंने आईआईटी रुड़की के दीक्षांत समारोह में हिस्सा लिया। दीक्षा समारोह को संबोधित करते हुए राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने कहा कि आईआईटी अपनी गुणवत्ता के लिए जाने जाते हैं। भारत ने विज्ञान के क्षेत्र में नई ऊचाईयों को छुआ है। चंद्रयान-2 का उदाहरण देते हुए उन्होंने कहा कि हमारे वैज्ञानिकों ने दिखा दिया कि हम किसी से कम नहीं हैं। कहा कि जितने भी साउंस एंड टेक्नोलॉजी के संस्थान हैं वहां छात्राओं की संख्या कम है। उन्होंने इस पर चिंता जताई। कहा कि पूरे देश के कर दाताओं का आईआईटी जैसे संस्थानों के सुविधा देने में बड़ा दायित्व है। उन्होंने छात्रों से आह्वान किया कि यहां से पास आउट होने के बाद वह भी अपना दायित्व निभाएं।
आईआईटी के निदेशक से कहा कि वह संस्थान और देश के लाभ के लिए पूर्व छात्रों का सहयोग लें। राष्ट्रपति ने कुछ दिन पहले आईआईटी रुड़की और इसरो के बीच साइन हुए एमओयू की प्रशंसा भी की। राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने कहा कि चंद्रयान-2 की लांचिंग के समय वह इसरो गए थे। उस दौरान वहां दो महिला वैज्ञानिक मौजूद थीं। उनमें से एक महिला का बच्चा छह माह का था, जिसे परिजनों के पास छोड़ वह दो माह से इसरो में रह रही थीं। राष्ट्रपति ने देश सेवा के लिए उनके जज्बे को सलाम किया। कहा कि देश की ऐसा महिलाएं सम्मान के योग्य हैं। इस दौरान 2029 छात्र-छात्राओं को उपाधि प्रदान की गई। इनमें 1018 यूजी, 702 पीजी और 309 पीएचडी डिग्री शामिल हैं।
समारोह में पहली बार इंजीनियरिंग एंड साइंस के क्षेत्र में उत्कृष्ट शोध कार्यों के लिए पीएचडी कर चुके तीन छात्रों को डॉक्टरल एक्सीलेंस अवार्ड प्रदान किया गया। राष्ट्रपति के आगमन से करीब डेढ़ घंटा पूर्व आईआईटी के सभी गेटों पर एंट्री बंद कर दी गई। राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद का मिनट दर मिनट का कार्यक्रम तय है। कार्यक्रम के बाद वह आईआईटी से दोपहर पर हरिद्वार के लिए रवाना होंगे। बीएचईएल हेलीपैड पर उनके विमान को उतारा जाएगा। राष्ट्रपति का काफिला यहां से वाया भगत सिंह चौक, प्रेमनगर पुल से होते हुए कनखल स्थित हरिहर आश्रम पहुंचेगा। यहां राष्ट्रपति का जूना अखाड़ा के आचार्य महामंडलेश्वर स्वामी अवधेशानंद से मुलाकात का कार्यक्रम है। इस दौरान कोविंद आश्रम स्थित पारदेश्वर महादेव मंदिर में पूजा-अर्चना भी करेंगे। वह शाम बीएचईएल हेलीपैड से ही जौलीग्रांट एयरपोर्ट के लिए प्रस्थान करेंगे। बृहस्पतिवार को आईआईटी और पुलिस-प्रशासन की ओर से सुरक्षा व्यवस्था के मद्देनजर दिन भर एक्सरसाइज की जाती रही।