नई दिल्ली। सैकड़ों लोगों का मनोरंजन करने वाले दिल्ली के सचल सिनेमाघर इन दिनों एक नयी भूमिका निभा रहे हैं, अब इन्हें संक्रमण से लोगों को बचाने के लिए टीकाकरण केंद्र के रूप में तब्दील किया गया है। ग्रामीण और दूर दराज के लोगों तक सिनेमा को ले जाने के लिए चलते-फिरते सिनेमाघरों की स्थापना वर्ष 2015 में की गई थी और तब से उनके जरिए कई फिल्में प्रदर्शित की गई हैं।
महामारी की वजह से सिनेमा कारोबार लगभग ठप हो गया है लेकिन इसके बावजूद ये सचल सिनेमाघर कोविड-19 नियमों के साथ चालू हो गए हैं। इन सिनेमाघरों में आखिरी फिल्म, ‘कागज’ प्रदर्शित की गई जो इस साल उत्तर प्रदेश के अंदरुनी इलाकों में दिखाई गई, लेकिन देश में महामारी से स्थिति बिगड़ने पर 150 सीटों वाले इस सचल सिनेमाघर को कोविड मरीज देखभाल केंद्र में तब्दील करने का फैसला किया गया।
पोर्टेबल सिनेमा कंपनी, पिक्चरटाइम डिजिप्लेक्स ने इन सचल सिनेमाघरों को महाराष्ट्र, दिल्ली, मध्यप्रदेश, असम और उत्तर प्रदेश में महामारी की दूसरी लहर के दौरान मरीज देखभाल केंद्र में तब्दील कर दिया। पिक्चरटाइम डिजिप्लेक्स के मुख्य कार्यकारी अधिकारी (सीईओ) और संस्थापक सुशील चौधरी के मुताबिक तब से इन सचल सिनेमाघरों में पांच हजार कोविड-19 मरीजों का इलाज किया जा चुका है।