नई दिल्ली। दिल्ली पुलिस की क्राइम ब्रांच ने ब्लैक फंगस के इलाज में इस्तेमाल होने वाली एंटीफंगल दवा एम्फोटेरिसिन बी की कालाबाजारी में शामिल एक अतर्राज्यीय गैंग का भंडाफोड़ करते हुए 10 लोगों को गिरफ्तार किया है। गिरफ्तार किए गए इन आरोपियों में इस गैंग का सरगना यूपी का एक डॉक्टर भी शामिल है।
डीसीपी क्राइम मोनिका भारद्वाज ने रविवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस कर कहा कि हमें एम्फोटेरिसिन बी इंजेक्शन की ब्लैक मार्केटिंग की सूचना मिली थी। इस पर कार्रवाई करते हुए हमने छापेमारी में एक व्यक्ति को गिरफ्तार कर लिया, उससे पूछताछ के बाद पता चला कि मेडिकल स्टोर में शिवम भाटिया नामक एक व्यक्ति द्वारा सप्लाई की जा रही है। शिवम भाटिया ने हमें 2 लोगों के नाम बताए। उन लोगों को भी हमने गिरफ्तार कर लिया।
जांच के दौरान हमारी टीम ने उत्तर प्रदेश के देवरिया निवासी डॉक्टर अल्तमस हुसैन को गिरफ्तार किया था। उन्होंने एम्फोटेरिसिन बी की 300 एक्सपायर्ड शीशियों को खरीदने की बात स्वीकार की। उन्होंने एम्फोटेरिसिन बी: के रूप में पिपेरसिलिन / टैजोबैक्टम दवा को दोबारा पैक कर वितरित किया था।
डीसीपी ने कहा कि जांच में दिल्ली के निजामुद्दीन के एक घर से एंटी-फंगल इंजेक्शन की 3000 शीशियां बरामद की गई हैं। सभी इंजेक्शन नकली हैं या नहीं, इसकी जांच की जा रही है। हालांकि, यह स्पष्ट है कि एम्फोटेरिसिन बी के सभी इंजेक्शन नकली थे।
मोनिका भारद्वाज ने कहा कि इस पूरे मामले में गैंग के सरगना डॉ. अल्तमश हुसैन को भी हमारी टीम ने गिरफ्तार कर लिया है। इस मामले में अब तक कुल 10 लोगों को गिरफ्तार किया गया है। आगे की जांच की जा रही है।
क्राइम ब्रांच अभी यह पता लगाने की कोशिश कर रही है इस गैंग ने अब तक कितने लोगों को ये इंजेक्शन बेचे हैं और इनका नेटवर्क कहां-कहां तक फैला हुआ है।