अशाेक यादव, लखनऊ। कोरोना महामारी के मद्देनजर दारुल उलूम देवबंद ने ईद उल फितर की नमाज को लेकर फतवा जारी किया है। फतवे में महामारी से बचने के लिए एक जगह इकट्ठा ना होकर अलग-अलग जगह नमाज अदा करने की अपील की गई है। साथ ही कहा गया है कि अगर मजबूरी में ईद उल फितर की नमाज पढ़ पाए तो नमाज ए चाश्त अदा कर ली जाए।
दारुल उलूम वक्फ के वरिष्ठ उस्ताद मौलाना नसीम अख्तर शाह कैसर ने बताया कि ईद उल फितर की नमाज अदा न कर पाने की सूरत में अकीदतमंद 4 रकात नमाज़े चाश्त अदा कर सकते हैं।
उन्होंने कहा कि इमाम के साथ 3 या 5 लोग ही मस्जिद या दूसरी जगह पर शरीयत की पाबंदियों के साथ नमाज अदा कर सकते हैं।
कहा गया कि अगर ईद की जमात न हो सके तो परेशान होने की जरूरत नहीं है क्योंकि ऐसे हालात में ईद की नमाज माफ है। ईद की नमाज के बजाय चाश्त की नमाज अदा की जा सकती है।
बता दें कि राज्य सरकार ने 17 मई की सुबह 7 बजे तक लॉकडाउन लगाया गया है। लॉकडाउन की वजह से मुस्लिम समाज के लोगों में ईद उल फितर की नमाज ईदगाह व मस्जिदों में होने को लेकर कशमकश थी।