मुंबई : बॉम्बे हाइकोर्ट के जज जस्टिस एससी धर्माधिकारी ने देश के मौजूदा हालात पर गंभीर टिप्पणी करते हुए कहा है कि देश में उदारवादी सोच वाला कोई भी व्यक्ति या संस्था सुरक्षित नहीं. दाभोलकर और पानसरे हत्याकांड की सुनवाई के दौरान जस्टिस धर्माधिकारी ने ये बात कही. उन्होंने कहा कि हालात ऐसे बन गए हैं कि विदेशों में भी हमारी छवि खराब हुई है. जस्टिस एससी धर्माधिकारी की टिप्पणी ऐसे समय आई है जब विपक्षी दल इन्हीं मुद्दों को लेकर सरकार घेरने में जुटा है और उन्नाव और कठुआ कांड को लेकर मोदी सरकार के खिलाफ विदेशों में भी प्रदर्शन हो रहे हैं. बॉम्बे हाईकोर्ट ने कहा कि विदेशों में भारत की छवि प्रभावित हो रही है तथा ऐसी धारणा बन रही है कि यह अपराधों और दुष्कर्मों का देश है जहां उदार और धर्मनिरपेक्ष लोग सुरक्षित नहीं हैं.न्यायमूर्ति एससी धर्माधिकारी और न्यायमूर्ति भारती डांगरे की पीठ ने यह भी कहा कि वर्तमान स्थिति के कारण शेष दुनिया शैक्षणिक या सांस्कृतिक मुद्दों पर भारत के साथ जुड़ने में हिचक रही है. पीठ ने तर्कवादी नरेंद्र दाभोलकर और वाम नेता गोविंद पंसारे के परिजनों की याचिकाओं पर सुनवाई के दौरान यह टिप्पणी की. परिजनों ने दोनों की हत्या के मामलों की अदालत की निगरानी में जांच की मांग की है. पीठ ने कहा, ‘‘यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि आज देश की छवि ऐसी बन गयी है कि विदेश में रहने वाले लोग यही सोचते हैं कि भारत में सिर्फ अपराध और बलात्कार ही होते हैं.’’
पीठ ने कहा, ‘‘हम जहां कहीं जाते हैं (भारत के बाहर), हमें कई प्रश्नों का जवाब देना होता है. लोगों की धारणा है कि उदार, खुले दिमाग वाले और धर्मनिरपेक्ष लोग भारत में सुरक्षित नहीं हो सकते और उन पर हमले होंगे. भारत की छवि कुछ लोगों के कृत्यों के कारण प्रभावित हो रही है.’’ महाराष्ट्र सीआईडी की ओर से पेश वरिष्ठ वकील अशोक मुंडरागी ने अदालत से कहा कि आगे किसी फील्ड जांच से कुछ ठोस चीज हासिल होने की संभावना कम ही है.