कोच्चि। भारत की महिला फुटबॉल टीम की फारवर्ड मनीषा कल्याण का मानना है कि एएफसी एशियाई कप से पहले दक्षिण अमेरिका की तकनीकी रूप से दक्षिण टीम के खिलाफ खेलने से टीम का महाद्वीप के शीर्ष टूर्नामेंट से पहले आत्मविश्वास बढ़ा है।
एआईएफएफ टीवी के साथ लाइव चैट में मनीषा ने ब्राजील, चिली और वेनेजुएला के खिलाफ खेले तीन मुकाबलों के संदर्भ में बात की। मनीषा ने कहा, ”उन तीन टीम के खिलाफ खेलना हमारे लिए शानदार अनुभव था। वे ऐसी टीम हैं जिनकी खिलाड़ी तकनीकी रूप से हमारे से बेहतर हैं और उनके साथ खेल की गति को बनाए रखना ही बेहद मुश्किल था।” उन्होंने कहा, ”हमें एकजुट होना था और एक इकाई के रूप में खेलना था। मुझे लगता है कि हमने उन तीन मैच में अच्छी छाप छोड़ी। इससे हमें काफी आत्मविश्वास मिला।”
मनीषा ने कहा, ”अब हमें पता है कि विरोधी टीम का स्तर चाहे कितना भी अच्छा हो, जब एकजुट होकर उन्हें कड़ी टक्कर दे सकते हैं और अच्छा प्रदर्शन कर सकते हैं। एकजुटता की इस भावना ने एशियाई कप से पहले सभी को जोश में भर दिया है।” मनीषा ने अपने 20वें जन्मदिन से सिर्फ एक दिन पहले ब्राजील के खिलाफ यादगार गोल दागा जो दुनिया की शीर्ष 10 में शामिल टीम के खिलाफ भारत की किसी महिला फुटबॉलर का पहला गोल था। उन्होंने कहा, ”यह निश्चित तौर पर मेरे लिए विशेष लम्हा था। मैं हमेशा ब्राजील की टीम की प्रशंसक रही हूं। मैं रोनाल्डिन्हो और नेमार जैसे खिलाड़ियों को खेलते हुए देखकर बड़ी हुई हूं और ब्राजील फुटबॉल की शैली हमेशा मुझे प्रभावित करती है। ”
मनीषा ने कहा, ”यह बड़ा लम्हा था लेकिन यह अंत नहीं है। मुख्य लक्ष्य अब भी फीफा महिला विश्व कप के लिए क्वालीफाई करना है। और मैं अपने देश के लिए गोल करते रहना चाहती हूं।” भारतीय टीम पिछले पांच महीने से नए मुख्य कोच थॉमस डेनरबी के मार्गदर्शन में ट्रेनिंग कर रही है और पंजाब के होशियारपुर की इस फारवर्ड का मानना है कि टीम की अग्रिम पंक्ति की खिलाड़ियों को स्वतंत्रता दी गई है।