नई दिल्ली : दीवाली से ग्राहकों और सेलर्स दोनों को ही बड़ी उम्मीदें होती हैं लेकिन लंबे समय से मंदी देख रहे रियल एस्टेट सैक्टर के लिए यह दीवाली भी खास रोशन नहीं हो पाई। ढेरों आकर्षक ऑफर्स के बावजूद डिवैल्पर्स घर खरीदारों को खुश करने में नाकाम रहे। दीवाली पर सेल बढ़ाने के लिए रियल एस्टेट डिवैल्पर्स का ऑफर्स देने का फॉर्मूला भी फेल साबित हुआ। त्यौहारों के मौके पर इंडस्ट्री को 30-40 प्रतिशत सेल की उम्मीद होती है लेकिन इंडस्ट्री फैस्टिव सीजन दौरान कई ऑफर्स देने के बावजूद खास ग्रोथ नहीं रिकॉर्ड कर पाई। मुम्बई की कीमतों में 9 प्रतिशत गिरावट के बावजूद सेल 7 प्रतिशत घटी, वहीं कोलकाता में रियल एस्टेट सेल ऑल टाइम लो पर पहुंच चुकी है।दिल्ली की रियल एस्टेट मार्कीट में सुधार तो जरूर आया है लेकिन दीवाली पर 20 प्रतिशत की ग्रोथ की उम्मीद की बजाय डिवैल्पर्स को 5-7 प्रतिशत की ग्रोथ के साथ संतुष्ट होना पड़ा। जाहिर है जी.एस.टी. वेवर, डिस्काऊंट कूपन और फ्रीबीज जैसे ऑफर्स अब ग्राहकों के लिए कोई खास मायने नहीं रखते हैं। ग्राहक अब ऐसे ऑफर्स की बजाय कीमतों में ज्यादा डिस्काऊंट को बेहतर ऑफर के तौर पर देखते हैं। उधर एन.बी.एफ.सी. सैक्टर में चल रहे फंड क्राइसिस ने भी इस फैस्टिव सीजन को फीका बनाया है। यानी घर खरीदारों से लेकर डिवैल्पर्स के लिए भी फंड की किल्लत एक बड़ा रोड़ा बन रही है। नोटबंदी से शुरू हुआ रियल एस्टेट का बुरा वक्त फैस्टिव सीजन पर भी भारी पड़ा। जहां नोटबंदी की दूसरी वर्षगांठ पूरी हो गई है, वहीं रियल एस्टेट की रफ्तार आने वाले वक्त में भी तेजी पकड़ती नहीं दिख रही।
त्योहारी सीजन के बावजूद भी ठंडा पड़ा रियल एस्टेट सेक्टर, डेवलपर्स का ऑफर्स देने का फॉर्मूला हुआ फेल
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