वेस्टइंडीज के दौरे के लिए भारतीय टीम की घोषणा कर दी गई है। एमएसके प्रसाद की अगुवाई वाली चयन समिति ने दौरे के लिए कुछ प्रमुख अनुभवी खिलाड़ियों को आराम देते हुए युवाओं पर भरोसा जताया है। तेज गेंदबाज के लिहाज से भविष्य की उम्मीद माने जा रहे नवदीप सैनी , खलील अहमद और दीपक चाहर शॉर्टर फॉर्मेट (टी20 और वनडे) की टीम में जगह बनाने में सफल रहे हैं। स्पिन गेंदबाजी में आईपीएल में अपने प्रदर्शन से हर किसी की प्रशंसा हासिल करने वाले दीपक चाहर के चचेरे भाई राहुल चाहर भी टी20 टीम का हिस्सा हैं। राहुल चाहर आईपीएल में मुंबई इंडियंस की ओर से खेले थे, वे दाएं हाथ के लेग ब्रेक बॉलर हैं। आश्चर्यजनक रूप से शॉर्टर फॉर्मेट में भारतीय स्पिन गेंदबाजी के आधारस्तंभ कुलदीप यादव और युजवेंद्र चहल को इस बार टी20 टीम में स्थान नहीं दिया गया है। टी20 टीम में दीपक चाहर, वाशिंगटन सुंदर जैसे युवाओं को मौका दिया गया है। बल्लेबाजी के लिहाज से बात करें तो भारत ए टीम के सदस्य के रूप में वेस्टइंडीज का दौरा कर रहे मनीष पांडे और श्रेयस अय्यर को टी20 और वनडे टीम में स्थान मिला है।
वनडे और टी20 की टीमें लंबे-छरहरे तेज गेंदबाज नवदीप सैनी का चयन लगभग तय ही माना जा रहा था। 26 वर्षीय नवदीप की गिनती मौजूदा समय में भारत के सबसे तेज गेंदबाजों में की जाती है। वे लगातार 150 किमी प्रति घंटा के आसपास की रफ्तार से गेंद फेंकने में सक्षम हैं। माना जा रहा है कि गति के मामले में उमेश यादव और जसप्रीत बुमराह से भी तेज हैं। मूल रूप के हरियाणा के करनाल के नवदीप सैनी घरेलू क्रिकेट में दिल्ली की ओर से खेलते हैं। हाल ही में वेस्टइंडीज के खिलाफ भारत ए की ओर से खेलते हुए उन्होंने एक वनडे मैच में पांच विकेट लिए। नवदीप की प्रतिभा को आगे लाने में पूर्व क्रिकेटर गौतम गंभीर का अहम योगदान रहा है। ये गौतम गंभीर ही थे जिन्होंने डीडीसीए अधिकारियों और चयनकर्ताओं पर दबाव बनाकर नवदीप का चयन दिल्ली की रणजी टीम में कराया। इसके बाद तो मानो नवदीप की जिंदगी ही बदल गई। कहा जा सकता है कि गौतम गंभीर यदि नवदीप सैनी के लिए दिल्ली की टीम में एंट्री की रास्ता नहीं बनाते तो नवदीप गुमनामी के अंधेरे में खोकर रह जाते।
दिल्ली की रणजी टीम में आने के बाद तो नवदीप के क्रिकेट करियर को नवजीवन मिल गया। नवदीप आज दिल्ली टीम के प्रमुख तेज गेंदबाज बन चुके हैं।वर्ल्डकप 2019 के दौरान भारतीय टीम के बल्लेबाजों ने नवदीप की गेंदबाजी पर काफी अभ्यास किया। अवेश खान, खलील और नवदीप को इसके लिए इंग्लैंड भेजा गया था। क्रिकेट करियर का परवान चढ़ाने में गौतम गंभीर के योगदान का सैनी आज भी जिक्र करना नहीं भूलते। एक बार उन्होंने कहा था, ‘मैं अपनी यह जिंदगी और कामयाबी गौतम गंभीर को समर्पित करता हूं। मैं तो कुछ भी नहीं था और गौतम भैया ने मेरे लिए सब कुछ किया।’ नवदीप ने बताया कहा, ‘गौतम भैया ने हर मुश्किल वक्त पर मेरा साथ दिया है। दिल्ली टीम की ओर से खेलने के दौरान उन्होंने मुझसे कहा था कि जो कुछ हो रहा है उससे मुझे चिंतित नहीं होना चाहिए। हम उसे देख लेंगे तुम केवल गेंदबाजी करो।’नवदीप सैनी के दादा करम सिंह सुभाष चंद्र बोस की आजाद हिंद फौज में ड्राइवर थे। नवदीप की गेंदों की गति तो जबर्दस्त है यदि वे इसमें यॉर्कर, स्लोअर जैसे अस्र भी शामिल कर लेते हैं तो भारत के लिए लंबी पारी खेल सकते हैं।