नई दिल्ली: तेलंगाना में कांग्रेस को बड़ा झटका लगा है. कांग्रेस के 18 में से 12 विधायक मुख्यमंत्री के चंद्रशेखर राव (KCR) की पार्टी टीआरएस (TRS) में शामिल हो गए हैं. तेलंगाना विधानसभा के अध्यक्ष ने भी विधायकों के विलय को मंजूरी दे दी है. उधर, कांग्रेस ने सत्ताधारी TRS पर धनबल से विधायकों के खरीदने का आरोप लगाया है. प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष एन उत्तम कुमार रेड्डी ने मुख्यमंत्री के चंद्रशेखर राव (केसीआर) को आड़े हाथ लिया और उन पर विधायकों को ‘खरीदने’ का आरोप लगाया. रेड्डी ने यह भी कहा कि कांग्रेस अब ‘अदालतों और सड़कों पर लड़ाई लड़ेगी.’ कांग्रेस को करारा झटका देते हुए राज्य के 18 में से 12 विधायकों ने विधानसभा स्पीकर पोचरम श्रीनिवास रेड्डी से मुलाकात की और उन्हें ज्ञापन देकर मांग की थी कि उनके समूह का विलय केसीआर की अगुवाई वाली टीआरएस में कर दिया जाए. टीआरएस में कांग्रेस विधायक दल के विलय की मांग को लेकर एक दर्जन कांग्रेस विधायकों की स्पीकर से मुलाकात के बाद प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा, ‘केसीआर ने बारी-बारी से इन कांग्रेस विधायकों को खरीदा है. वे समूह नहीं हैं.’ उन्होंने आरोप लगाया कि केसीआर ‘ठेकेदारों से गलत तरीके से लिए गए अपने पैसे से इन विधायकों को खरीदते रहे हैं.’ रेड्डी ने कहा कि जब भी कांग्रेस का कोई विधायक टीआरएस के पाले में गया तो कांग्रेस ने स्पीकर को उसे अयोग्य करार देने की याचिका दी. उन्होंने कहा कि पार्टी छोड़ने वाले सभी विधायकों को उसी वक्त अयोग्य करार दे देना चाहिए था.
प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष ने बताया, ‘वे खरीदते रहे और विधायकों की आखिरी खरीद आज सुबह हुई. वे कहते हैं कि वे एक समूह हैं और दो-तिहाई हैं. उच्चतम न्यायालय ने कई मामलों में निर्णय दिया है कि स्पीकर को किसी राष्ट्रीय पार्टी का विलय क्षेत्रीय पार्टी में करने का अधिकार नहीं है.’ तंदूर विधानसभा क्षेत्र से विधायक रोहित रेड्डी गुरुवार को कांग्रेस छोड़ने वाले 12वें विधायक रहे, जिससे दल बदलने वालों का संख्याबल बढ़ा और वे कांग्रेस विधायक दल के दो-तिहाई हो गए. इससे उन पर दल-बदल कानून के तहत कार्रवाई नहीं हो सकेगी. इससे पहले, मार्च की शुरुआत से ही कांग्रेस के 11 विधायकों ने पार्टी छोड़ दी थी.