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तेज आर्थिक विकास से युवा पीढ़ी के लिए बनेंगे नए अवसर: अरुण जेटली

नई दिल्ली: केंद्रीय वित्त मंत्री अरुण जेटली ने शनिवार को कहा कि देश जिस गति से आर्थिक विकास कर रहा है उससे युवा पीढ़ी के लिए नए अवसर पैदा होंगे और इन अवसरों का लाभ उठाने के लिए उन्हें आगे आना चाहिए। जेटली ने श्रीराम कॉलेज ऑफ कॉमर्स के 93वें वार्षिक समारोह को संबोधित करते हुए कहा कि आज देश की अर्थव्यवस्था का आकार 29 खरब डॉलर है और यह दुनिया की पांचवींध्छठी सबसे बड़ी अर्थव्यव्स्था है। विकसित देश जहां एक से दो प्रतिशत की दर से विकास कर रहे हैं, वहीं हमारी विकास की गति काफी तेजी है तथा इस बात की पूरी उम्मीद है कि हम यह रफ्तार बनाए रखने में कामयाब होंगे। वर्ष 2024 तक देश की अर्थव्यव्स्था बढ़कर 50 खरब डॉलर और वर्ष 2030-31 तक 100 खरब डॉलर की हो जाएगी। उन्होंने कहा ‘‘देश की अर्थव्यव्स्था के बढ़ते आकार के साथ बड़े पैमाने पर युवाओं के लिए अवसर भी पैदा होंगे।

जब हम भविष्य में झांकने की कोशिश करते हैं तो पाते हैं कि गरीबों की संख्या कम होगी और मध्य वर्ग के आकार में गुणात्मक वृद्धि होगी। यह काफी आकांक्षी वर्ग होगा जो गरीबी रेखा से निकलने के बाद पहले नव-मध्य वर्ग में शामिल होगा तथा फिर और तरक्की करना चाहेगा। इस वर्ग की क्रय शक्ति काफी तेजी से बढ़ेगी।’’  वित्त मंत्री ने कहा कि वर्ष 2005 में देश की कुल आबादी का 18 प्रतिशत मध्य वर्ग में था। वर्ष 2015 में यह आंकड़ा बढ़कर 29 प्रतिशत पर पहुंच गया और 2025 तक 44 प्रतिशत लोगों के मध्य वर्ग में होने का अनुमान है। वहीं, दूसरी ओर गरीबी रेखा से नीचे जीवन जीने वालों की संख्या घट रही है। वर्ष 2011 में कुल 21.9 प्रतिशत लोग गरीबी रेखा से नीचे थे। मेरा अनुमान है कि आज उनकी संख्या घटकर 17 प्रतिशत रह गयी है जिसके वर्ष 2021 तक 15 प्रतिशत रह जाने की उम्मीद है।

जेटली ने कॉलेज से पढ़ाई पूरी कर पेशेवर दुनिया में कदम रखने जा रहे छात्रों से कहा कि वे भाग्यशाली हैं कि अगले 10-20-30 वर्ष में जब वे अपने करियर में काम कर रहे होंगे उसी समय देश में विकास के कई ऐसे कार्य हो रहे होंगे जो अब तक अधूरे हैं। उन्होंने कहा ‘‘यह बहुत बड़ा अवसर है। आप आगे बढ़ें और इसका लाभ उठाएं।’’ देश में तेजी से हो रहे विकास को रेखांकित करते हुए उन्होंने कहा कि 18-20 साल पहले हम सोचते ही नहीं थे कि कभी हमें विश्व स्तरीय बुनियादी ढांचों की आवश्यकता होगी। मौजूदा समय में सालाना नौ से 10 हजार किलोमीटर सड़क बन रही है तथा इसमें और तेजी की गुंजाइश है। रेलवे में काफी काम किया जा सकता है। बंदरगाहों में अच्छा काम हुआ है। संचार के क्षेत्र में 1990 के दशक में जहां 0.8 प्रतिशत लोगों के पास ही टेलीफोन थे आज लगभग हर व्यक्ति के पास टेलीफोन या मोबाइल फोन है।

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