नई दिल्ली : 2019 के लिए तीसरा मोर्चा खड़ा करने की कोशिशों में लगीं ममता बैनर्जी बुधवार शाम सोनिया गांधी से मिलीं . इससे पहले वह दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल से मिलीं . क़रीब दोपहर बाद उनकी मुलाक़ात बीजेपी खेमे के उन नेताओं से मिलीं , जो पार्टी से नाराज़ चल रहे हैं. जिनमें पूर्व केंद्रीय मंत्री यशवंत सिन्हा, अरुण शौरी और शत्रुघ्न सिन्हा आदि शामिल हैं.इससे पहले मंगलवार को ममता बनर्जी शरद पवार सहित एनडीए-यूपीए से जुड़े 13 पार्टियों के कई नेताओं से मिलीं. वहीं मायावती से मुलाक़ात पर ममता ने कहा कि वो लखनऊ में बैठक बुलाएं, सभी पार्टियों के लोग पहुंचेंगे. ममता ने भरोसा जताया है कि 2019 से पहले विपक्षी एकता को मज़बूती दी जा सकेगी.
ममता बनर्जी ने मंगलवार को कहा कि नोटबंदी और बैंक धोखाधड़ी जैसे मुद्दों ने जमीनी स्तर पर लोगों को प्रभावित किया है और समय आ गया है कि भाजपा ‘‘बोरिया बिस्तर समेटे.’’ ममता ने तेदेपा, टीआरएस, सपा, राजद, बीजद, नेकां और झामुमो जैसे विपक्षी दलों के नेताओं से भी मुलाकात की. आंध्रप्रदेश को विशेष राज्य का दर्जा देने की मांग कर रही तेदेपा हाल ही में भाजपा नीत राजग से अलग हो चुकी है. तृणमूल नेता ने इस बात पर पुन: जोर दिया कि भाजपा को हराने के लिए ‘राज्यानुसार रणनीति’ समय की मांग है.
उन्होंने शिवसेना नेता संजय राउत तथा पार्टी के अन्य सांसदों से भी मुलाकात की जिससे कई तरह की अटकलें लगाई जाने लगीं. शिवसेना सत्ताधारी राजग की घटक है लेकिन कई मुद्दों पर वह महाराष्ट्र और केंद्र सरकारों की आलोचना करती रही है. ममता ने संवाददाताओं से कहा ‘‘सभी विपक्षी दलों को मिल कर काम करना चाहिए। भाजपा के खिलाफ लड़ाई आमने सामने की होनी चाहिए. सभी विपक्षी दलों को चाहिए कि वह राज्यों में भाजपा के खिलाफ एक दूसरे को मजबूत करने में मदद करें.’’ विपक्षी एकता के मुद्दे पर ममता ने उत्तर प्रदेश में सपा और मायावती नीत बसपा के गठबंधन का उदाहरण देते हुए इसकी सराहना की. उन्होंने कहा कि गठबंधन की मदद करने के लिए सभी विपक्षी दलों को एक साथ आना चाहिए.
उन्होंने कहा ‘‘अगर अखिलेश और मायावती लखनऊ में बैठक बुलाते हैं तो हम सभी जाएंगे. जो पार्टी जहां मजबूत है, वहां हमें उसकी मदद करना चाहिए.’’संजय राउत ने इस बात से इंकार किया कि शिवसेना किसी मोर्चे में शामिल होगी, लेकिन उन्होंने कहा कि शिवसेना और ममता के बीच बहुत ही अच्छे रिश्ते हैं और कुछ बातें हैं जो ममता उद्धव ठाकरे तक पहुंचाना चाहती हैं.