लखनऊ। ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड द्वारा तीन तलाक रोधी कानून को उच्चतम न्यायालय में चुनौती दिए जाने के बीच उत्तर प्रदेश सरकार के कैबिनेट मंत्री चेतन चौहान ने कहा है कि पिछली सरकारों की ढील के कारण एक रीति बन चुकी यह कुप्रथा बरकरार रखने की कोशिशें कामयाब नहीं होंगी। चौहान ने मंगलवार को मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड के कदम के बारे में पूछे जाने पर कहा कि दुनिया के अनेक मुस्लिम देशों में तीन तलाक पर पाबंदी लगाई जा चुकी है। ऐसे में यह समझ में नहीं आता कि पर्सनल लॉ बोर्ड ने तीन तलाक के खिलाफ बनाए गए कानून के विरुद्ध उच्चतम न्यायालय का दरवाजा क्यों खटखटाया है। उन्होंने कहा कि केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार ने पहली बार तीन तलाक के कारण मुस्लिम औरतों की जिंदगी बर्बाद होने के सिलसिले पर रोक लगाते हुए इसके खिलाफ कानून बनाया है। यह कानून मुस्लिम महिलाओं के पक्ष में है और इसे चुनौती देने की कोई भी कोशिश कामयाब नहीं होगी। चौहान ने आरोप लगाया कि पिछली सरकारों ने तीन तलाक के मामले पर जानबूझकर ढील दी जिसकी वजह से यह कुप्रथा एक रीति बन गई। उन्होंने कहा कि मोदी सरकार ने इसे खत्म किया है। मालूम हो कि मुल्क में मुसलमानों के सबसे बड़े इदारे ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड ने तीन तलाक को अपराध का दर्जा देने वाले कानून की संवैधानिक स्थिति को उच्चतम न्यायालय में चुनौती दी है। उसका कहना है कि यह कानून असंवैधानिक है, यह महिलाओं के हितों के खिलाफ है और इसकी वजह से घर जुड़ने के बजाय बर्बाद हो रहे हैं।
तीन तलाक की कुप्रथा बनाए रखने की कोशिशें कामयाब नहीं होंगी: चेतन चौहान
Loading...