नई दिल्ली : तीनों सेनाओं के 8 पूर्व प्रमुखों सहित 150 से अधिक पूर्व सैन्य अधिकारियों ने राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद को सेना के राजनीतिकरण के ख़िलाफ़ चिट्ठी लिखी है. इस चिट्ठी में ये शिकायत की गई है कि सत्ताधारी दल सर्जिकल स्ट्राइक जैसे सेना के ऑपरेशन का श्रेय ले रही है. साथ ही सेना को मोदी जी की सेना के तौर पर बताया जा रहा है. 11 अप्रैल को सार्वजनिक हुई इस चिट्ठी में राष्ट्रपति से राजनीतिक दलों के सेना के राजनीतिक इस्तेमाल रोकने के लिए कदम उठाने की अपील की गई है. आपको बता दें कि महाराष्ट्र के लातूर की रैली में पीएम मोदी ने पहली बार मतदान करने जा रहे मतदाताओं से कहा कि ‘वे अपने मत उन बहादुर लोगों को समर्पित करें, जिन्होंने पाकिस्तान के बालाकोट में हवाई हमले को अंजाम दिया’. पीएम के इस बयान पर बवाल मच गया है. चुनाव आयोग ने पीएम नरेंद्र मोदी के उस बयान का संज्ञान लेते हुए रिपोर्ट मांगी है.
सूत्रों के अनुसार चुनाव आयोग ने महाराष्ट्र के मुख्य चुनाव आयोग से पीएम मोदी के ऐसे भाषण पर रिपोर्ट तलब किया है. महाराष्ट्र में स्थानीय चुनाव अधिकारियों ने चुनाव आयोग को बताया है कि पहली बार मतदान करने जा रहे मतदाताओं से बालाकोट हवाई हमले के नाम पर अपना वोट डालने की अपील वाली प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की टिप्पणी प्रथम दृष्टया इसके उन आदेशों का उल्लंघन है जिसमें उसने अपने प्रचार अभियान में राजनीतिक दलों से सशस्त्र बलों के नाम का इस्तेमाल नहीं करने को कहा था. उधर, मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा) ने मंगलवार को निर्वाचन आयोग में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के खिलाफ शिकायत दर्ज कराई है. पार्टी ने आरोप लगाया है कि मोदी ने महाराष्ट्र में एक रैली में पहली बार मतदान करने वालों से बालाकोट में आतंकी शिविर पर हवाई हमला करने वाले वायुसैनिकों के नाम पर वोट मांगकर चुनावी आचार संहिता का उल्लंघन किया है.