लखनऊ। अफगान सेना पर तालिबानी लड़ाकों के हमले के बाद अमेरिका ने भी बुधवार को तालिबान पर हवाई हमला बोल दिया है। अमेरिकी सेना ने दक्षिणी हेलमंद प्रांत में अफगान सेना पर हुए हमले के जवाब में कई जगह एयर स्ट्राइक को अंजाम दिया। शांति वार्ता समझौते के उल्लंघन के बाद 11 दिन बाद अमेरिकी सेना ने इस हमले को अंजाम दिया है।
तालिबानी आतंकियों के हमले में अफगान सेना और पुलिस के 20 लोग मारे गए। प्रोविंशियल काउंसिल के एक सदस्य सैफुल्ला अमीरी के मुताबिक तालिबानी लड़कों ने तीन सैनिक चौकियों पर एक साथ हमले को अंजाम दिया।
इसके अलावा इन्होने उरुजगान की एक पुलिस पोस्ट पर भी हमला किया जिसमे 10 सैनिक, 4 पुलिसवाले और 6 सिविलियन की मौत हो गई है जबकि 7 लोग घायल बताए जा रहे हैं।
अफगानिस्तान में अमेरिकी बलों के प्रवक्ता सोनी लेगेट ने कहा कि चार मार्च को हेलमंद के नहर-ए-सराज में मौजूद तालिबान लड़ाकों के खिलाफ अमेरिकी सेना ने हवाई हमले किए जो एक जांच चौकी को निशाना बना रहे थे। लेगेट ने ट्वीट किया कि तालिबान के हमले के बाद जवाबी कार्रवाई की गयी।
करीब 20 साल तक जंग लड़ने के बाद अमेरिका और तालिबान शांति समझौते के लिए राजी हुए थे। हालांकि ये समझौता ज्यादा देर नहीं टिक सका और 48 घंटों में ही तालिबान ने अफगान सेना पर हमला करके इसे नकार दिया।
शनिवार को ही तालिबान और अमेरिका के बीच विदेशी सेना को हटाने संबंधी ऐतिहासिक संधि हुई थी। हालांकि, दोहा में हुई संधि के बाद ही आतंकियों ने अफगानी सेना के खिलाफ हमले किए।
लेगेट ने कहा, ‘ हमने तालिबान को गैर जरूरी हमले रोकने के लिए और अपना वादा निभाना के लिए कहा। जैसा हमने कहा, हम जब भी जरूरी होगा अपने साथी का बचाव करेंगे।’ उन्होंने कहा कि हेलमंद में सुरक्षा चौकियों पर अकेले मंगलवार को ही घुसपैठियों ने 43 हमले किए।