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ड्रोन के व्यावसायिक इस्तेमाल के लिए दिसंबर से मिलेगी मंजूरी, 250 ग्राम से भारी होने पर जरूरी होगा लाइसेंस

लखनऊ : देश में ड्रोन के नागरिक इस्तेमाल को मंजूरी मिल गई है. नागरिक उड्डयन मंत्रालय ने इसके इस्तेमाल को लेकर एक नियमावली तैयार की है जो इस साल 1 दिसंबर से पूरे देश में लागू हो जाएगी. हालांकि ड्रोन के इस्तेमाल को लेकर सरकार की तरफ से कुछ शर्तें भी रखी गईं हैं.

नागरिक उड्डयन मंत्रालय की तरफ से रिमोटली पायलटेड एयरक्राफ्ट सिस्टम (RPAS) के इस्तेमाल को लेकर जो नियमावली तैयार की गई है, उसमें एयरस्पेस को तीन भागों में विभाजित किया गया है- पहला रेड जोन (उड़ान की अनुमति नहीं)-जैसे की एयरपोर्ट, अंतरराष्ट्रीय बार्डर, दिल्ली का विजय चौक, राज्यों के सचिवालय और सुरक्षा से जुड़े अन्य स्थल. यलो जोन (नियंत्रित वायु क्षेत्र), और ग्रीन जोन (स्वचालित अनुमति). वहीं ड्रोन का इस्तेमाल दिन के समय 400 फीट ऊंचाई तक सीमित रहेगा.

वहीं वजन के हिसाल से ड्रोन की पांच श्रेणियां निर्धारित की गई हैं, जिनमें नैनो ड्रोन- 250 ग्राम, माइक्रो ड्रोन- 250 ग्राम से दो किलो, मिनी ड्रोन- दो किलो से 25 किलो, स्मॉल ड्रोन- 25 किलो से 150 किलो और लार्ज ड्रोन- 150 किलो शामिल है.

इसके उपयोगकर्ताओं को पहले अपने मालिक, पायलट और ड्रोन का पंजीकरण करवाना होगा. जिसके बाद मोबाइल एप के जरिए अनुमति लेनी होगी, अनुमति मिलने या न मिलने की जानकारी स्वचालित तरीके से तुरंत मिलेगी.

नागरिक उड्डयन मंत्री सुरेश प्रभु ने सरकार के इस फैसले की घोषण करते हुए कहा कि भारत के उड्डयन के इतिहास में एक ऐतिहासिक अध्याय की शुरुआत होने जा रही है. प्रभु ने उम्मीद जताई कि इससे कई तरह के नए और आकर्षक प्रयोगों को मौका मिलेगा और भारतीय ड्रोन इंडस्ट्री को भी प्रोत्साहन मिलेगा.

आपको बता दें कि सुरक्षा कारणों से डीजीसीए की तरफ से ड्रोन के नागरिक इस्तेमाल पर पूरी तरह से पाबंदी है.

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