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डिलीवरी के बाद की 1 लापरवाही ले सकती है जान, महिलाएं रहें अलर्ट!

बच्चे के जन्म के बाद महिलाओं में कई तरह के इंफैक्शन का खतरा बढ़ जाता है। वहीं आजकल ज्यादातर महिलाओं में प्रसव के बाद किडनी इंफैक्शन के मामले में देखने को मिल रहे हैं, जोकि तेजी से बढ़ रहे हैं। किडनी, खून से निकलने वाले बेकार और तरल पदार्थ जिसे क्रिएटनिन कहते हैं, यह इसे छानकर शरीर से बाहर निकाल देती है। जब किडनी काम करना बंद कर देती है तो शरीर में बेकार पदार्थ जमा होने शुरू हो जाते हैं। सही समय पर इसे पहचान न पाने और इलाज में अनदेखी करने से यह बीमारी जानलेवा भी साबित हो सकती है। चलिए आपको बताते हैं कि डिवीवरी के बाद किडनी इंफैक्शन का खतरा क्यों बढ़ जाता है और इससे कैसे बचाव किया जाए।
क्यों होता है प्रसव के बाद संक्रमण?
प्रसव के बाद वैजाइना (योनि) की ठीक तरह से साफ-सफाई न करने से यूरिन इंफैक्शन हो जाता है, जो धीरे-धीरे किडनी तक पहुंच जाता है। दरअसल, डिलीवरी के बाद शरीर में प्रोजेस्टेरॉन हार्मोन रिलीज होता है, जो मूत्रवाहिनियों की मांसपेशियों को ढीला करता है। गुर्दों से मूत्राशय में जाने वाला पेशाब का प्रवाह बाधित होता है, जिससे किडनी भी इंफैक्शन की चपेट में आ जाती है।
किडनी रोग से महिलाओं की मौत ज्यादा
शोध के अनुसार, गंभीर किडनी रोग की वजह से औसतन 6 लाख महिलाओं की मौत उपचार के आभाव में हो जाती है। आमतौर महिलाओं में गंभीर किडनी रोग यूटीआई इंफेक्घ्शन (मूत्र मार्ग में संक्रमण) की वजह से होता है। इसकी वजह से ब्लैडर और टयूब भी प्रभावित होती हैं।
किन महिलाओं को अधिक खतरा
जो महिलाएं कम उम्र मां बनती है या जिन्हें पहले भी इंफैक्शन की समस्या हुई हो, उनमें डिलीवरी के किडनी इंफैक्शन का अधिक रहता है। साथ ही वैजाइना हेल्थ का ध्यान ना रखने वाली महिलाओं में भी इसका खतरा अधिक होता है।डिलीवरी के बाद किडनी इंफेक्शन के लक्षण
अगर यह इंफैक्शन बढ़ जाए तो इससे किडनी फेल होने का खतरा भी बढ़ जाता है। ऐसे में जरूरी है कि डिलीवरी के बाद ये लक्षण दिखने पर आप तुरंत डॉक्टर से चेकअप करवाएं।
बार-बार पेशाब आना
पेशाब को रोक पाने में दिक्कत
पेशाब करते समय दर्द व जलन होना
पेशाब से बदबू आना
यूरिन का रंग भूरा, धुंधला, रक्तरंजित होना।
दवाएं लेने पर भी बुखार ठीन ना होना
शरीर में कमजोरी महसूस होना
पीठ के निचले हिस्से या कमर के ऊपरी भाग में दर्द
हाथ, पैर और बॉडी के अन्य भागों में सूजन
कब्ज की शिकायत
पेट में तेज दर्द होना
इंफैक्शन से बचाव
-घर हो या बाहर, पेशाब जाने से पहले देख लें कि बाथरूम साफ हो। गंदे या यूरिनल्स बाथरूम का यूज करने से समस्या बढ़ सकती है।
-दिनभर में कम से कम 7-8 गिलास गुनगुना पानी जरूर पीएं। इससे विषैले टॉक्सिंस बाहर निकलेंगे, जिससे इंफैक्शन का खतरा कम होगा।
-इम्यून सिस्टम बूस्ट करने के लिए हेल्दी डाइट लें। सुबह खाली पेट 2-3 लहसुन की कली भी जरूर खाएं।
-प्राइवेट पार्ट के साथ अंडरवियर की सफाई का भी खास ख्याल रखें।
-अगर आपको इंफैक्शन है तो साफ-सफाई का खास ख्याल रखें और दवाइयों का नियमित रूप से सेवन करें।कैसे करे इलाज?
वैसे तो किडनी इंफैक्शन के लिए एंटीबायोटिक दवाएं दी जाती है लेकिन बेहतर होगा कि आप इसके लिए डॉक्टर की सलाह लें। वह यूरिन टेस्ट कर आपको बेहतर सलाह दे सकते हैं। इसके अलावा आप कुछ घरेलू टिप्स अपनाकर भी किडनी इंफैक्शन की समस्या को दूर कर सकते हैं लेकिन इसके साथ दवाइयों का सेवन भी करते हैं।
अदरक की चाय
इंफैक्शन को दूर करने कि लिए दिन में 1 बार अदरक की चाय जरूर पीएं।
दही
दही, किडनी में गुड और बैड बैक्टीरिया का लेवल मेंटेन करता है, जिससे इंफैक्शन की समस्या दूर होती है।
नींबू पानी
दिन में 2 बार नियमित रूप से नींबू पानी पीएं। इसमें मौजूद अंटीऑक्सीडेंसट्स इंफैक्शन को दूर करने में मदद करते हैं।
पीपल की छाल
10 ग्राम पीपल और नीम की छाल को पानी में उबाल लें। दिन में 1 बार इस पानी को पीने से भी इंफैक्शन की समस्या दूर होगी।
हल्दी
डाइट में हल्दी की मात्रा बढ़ाएं। इसमें मौजूद एंटी बैक्टीरियल प्रॉपर्टी किडनी को स्वस्थ रखने में मदद करते हैं।
एलोवेरा जूस
सुबह खाली पेट एलोवेरा जूस पीएं। इससे भी इंफैक्शन की समस्या दूर होती है।

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