इस्लामाबाद: पाकिस्तान ने मंगलवार को एक वरिष्ठ अमरीकी राजनयिक को तलब किया और ओसामा बिन लादेन पर अमरीकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के आरोपों को बेबुनियाद बताते हुए कड़ा विरोध दर्ज कराया और कहा कि यह इतिहास का बंद हो चुका अध्याय है और इससे द्विपक्षीय संबंधों पर गंभीर असर पड़ सकता है। ट्रंप ने रविवार को और बाद में अपने ट्वीटों में पाकिस्तान द्वारा आतंकवाद को रोकने के लिए पर्याप्त कदम नहीं उठाने पर उसे दी जाने वाली लाखों डॉलर की सैन्य सहायता को बंद करने के अपने प्रशासन के फैसले का बचाव किया था।ट्रंप ने अल-कायदा प्रमुख बिन लादेन को एबटाबाद में छिपने का ठिकाना देने के लिए भी इस्लामाबाद की आलोचना की। राष्ट्रपति ने फॉक्स न्यूज से कहा,‘हम पाकिस्तान को हर साल 1.3 अरब डॉलर देते हैं। बिन लादेन पाकिस्तान में रह रहा था। हम उस पाकिस्तान का समर्थन कर रहे हैं। हम उसे हर साल 1.3 अरब डॉलर दे रहे हैं। अब हम उन्हें यह नहीं देते। मैंने इसलिए देना बंद कर दिया क्योंकि वो हमारे लिए कुछ नहीं करते।’पाकिस्तान के विदेश कार्यालय के प्रवक्ता मुहम्मद फैसल ने मंगलवार को बताया,‘विदेश सचिव (तहमीना जांजुआ) ने अमरीका के कार्यवाहक राजदूत पॉल जोन्स को तलब किया और पाकिस्तान के खिलाफ लगाए गए अवांछित और अपुष्ट आरोपों पर कड़ा ऐतराज दर्ज कराया।’ उन्होंने अपने बयान में कहा,‘अमरीकी राष्ट्रपति के हालिया ट्वीट और टिप्पणियों पर सरकार की निराशा प्रकट करते हुए अमरीकी कार्यवाहक राजदूत को बताया गया कि पाकिस्तान के बारे में इस तरह के बेबुनियाद बयान पूरी तरह अस्वीकार्य हैं।’फैसल ने बताया कि जांजुआ ने बिन लादेन के बारे में किए गए कटाक्ष को खारिज कर दिया और जोन्स को याद दिलाया कि पाकिस्तान के खुफिया सहयोग की वजह से ही बिन लादेन के बारे में शुरुआती सबूत मिले थे। जांजुआ ने जोन्स से कहा कि आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई में पाकिस्तान से ज्यादा कीमत किसी दूसरे देश ने नहीं चुकाई।
ट्रंप के आरोपों से बौखलाया पाक लाखों डॉलर की सैन्य सहायता को बंद कराने का प्रशासन
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