वाशिंगटन: लगभग 18 साल से तालिबान के साथ चले आ रहे युद्ध को खत्म करने के लिए समझौते के ख्वाहिशमंद अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने सोमवार को अपने रुख को नर्म करते हुए अफगानिस्तान में शांति वार्ता को आगे बढ़ाने में पाकिस्तान की मदद की सराहना की, लेकिन ओवल ऑफिस में पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान के साथ मुलाकात के दौरान डोनाल्ड ट्रंप ने धमकी भी दी कि वह ताकत का इस्तेमाल कर कुछ ही दिन में संघर्ष को खत्म भी कर सकते हैं, और ‘अफगानिस्तान दुनिया के नक्शे से मिट जाएगा,’ लेकिन वह वार्ता को तरजीह देते हैं. 1990 के दशक में अफगानिस्तान में तालिबान के सत्ता पर काबिज होने के वक्त पाकिस्तान ही उनका सबसे बड़ा समर्थक था.
वर्ष 2001 में अमेरिका-नीत सेनाओं द्वारा अफगानिस्तान में सत्ताच्युत कर दिए जाने के बाद से विद्रोही गतिविधियों में लिप्त तालिबान पर पाकिस्तान का प्रभाव अफगानिस्तान के राष्ट्रपति अशरफ गनी की सरकार के साथ राजनैतिक समझौते के लिए अहम माना जा रहा है. डोनाल्ड ट्रंप ने कहा, “पिछले दो हफ्तों में हमने काफी प्रगति की है, और इस प्रगति में पाकिस्तान ने हमारी मदद की है…”अमेरिका की पहली आधिकारिक यात्रा पर आए इमरान खान से मुलाकात के दौरान डोनाल्ड ट्रंप ने कहा, “अमेरिका के लिए काफी कुछ हो रहा है, और मुझे लगता है,
पाकिस्तान के लिए भी आपके नेतृत्व में काफी कुछ अच्छा होने जा रहा है…” अफगानिस्तान में सितंबर माह के अंत में राष्ट्रपति पद के चुनाव से पहले ही अमेरिका तालिबान के साथ राजनैतिक समझौता करने के लिए दबाव बना रहा है. इससे अधिकतर अमेरिकी सेना के वापस आने का रास्ता साफ हो जाएगा, और अमेरिका के सबसे लम्बे युद्ध का खात्मा हो सकेगा. डोनाल्ड ट्रंप ने वार्ता का पक्ष लेने के बावजूद चेतावनी दी, “अगर हम अफगानिस्तान में युद्ध लड़कर जीतना चाहें, तो हम सिर्फ एक हफ्ते में युद्ध जीत सकते हैं… बस, मैं एक करोड़ लोगों को मारना नहीं चाहता…”