नई दिल्ली: पूर्व सांसद हाजी शाहिद अखलाक कांग्रेस का हाथ थाम सकते हैं। इस बाबत उनके मंगलवार रात कांग्रेस नेता ज्योतिरादित्य सिंधिया से भी मिलने की बात सामने आ रही है। शाहिद बुधवार रात भीम आर्मी प्रमुख चंद्रशेखर से भी आनंद अस्पताल में जाकर मिले। चुनावी रण में सियासी सूरमा इस समय समीकरण बनाने-बिगाड़ने में जुटे हैं। बसपा से पूर्व सांसद रहे हाजी शाहिद अखलाक कांग्रेस के खेमे में शामिल हो सकते हैं। दरअसल हाजी याकूब कुरैशी को बसपा से लोकसभा प्रभारी बनाए जाने के बाद उन्होंने मोर्चा खोल दिया था। चूंकि यहां गठबंधन से यह सीट बसपा के खाते में गई है तो बसपा ने यहां से याकूब कुरैशी को लोकसभा प्रभारी बनाया है। उनका टिकट फाइनल माना जा रहा है।
इस पर शाहिद अखलाक विरोध में उतर गए हैं। मंगलवार रात शाहिद अखलाक ने कांग्रेस के वेस्ट यूपी प्रभारी ज्योतिरादित्य सिंधिया से उनके दिल्ली स्थित आवास पर मुलाकात की। वहीं, बुधवार रात शाहिद आनंद अस्पताल पहुंचे और यहां भर्ती भीम आर्मी के संस्थापक चंद्रशेखर से भी मिले। इस मुलाकात के भी सियासी मायने निकाले जा रहे हैं। क्योंकि बुधवार शाम ही प्रियंका गांधी और ज्योतिरादित्य सिंधिया भी चंद्रशेखर से मिलने आनंद अस्पताल पहुंचे थे। उधर, आनंद अस्पताल के मैनेजर मुनीश पंडित ने बताया कि चंद्रशेखर के इलाज का खर्च उठाने के लिए पूर्व सांसद शाहिद अखलाक ने प्रबंधन से बात की है।
कहा कि जो भी खर्च होगा वह उठाएंगे। इस मामले में शाहिद अखलाक कहते हैं कि ज्योतिरादित्य सिंधिया और मैं पांच साल साथ-साथ सदन में रहे हैं। वह मेरे मित्र हैं और इसी नाते मैंने बीती रात उनसे मुलाकात की थी। जाहिर सी बात है कि इस मुलाकात में वेस्ट यूपी के समीकरण को लेकर भी चर्चा हुई। बाकी स्थिति तो बहुत जल्द सामने आ ही जाएगी। उधर, चंद्रशेखर से भी मैंने शिष्टाचार मुलाकात की है। वह संघर्षशील व्यक्ति हैं। लोकसभा चुनाव के लिए बने गठबंधन की गांठ ढीली पड़ती नजर आ रही है। वेस्ट की अधिकांश सीटें गठबंधन में बसपा को दिए जाने से सपा के कुछ दिग्गज नाराज चल रहे हैं।
सपा के विधान परिषद सदस्य और गुर्जर नेता वीरेंद्र सिंह भी पाला बदलने की तैयारी में है। सूत्रों की माने तो वह भाजपा में शामिल हो सकते हैं। हालांकि उन्होंने खुलकर भाजपा में जाने की बात स्वीकार नहीं की है लेकिन इतना जरूर कहा है कि वह जो भी निर्णय लेंगे, सोच समझकर लेंगे। लोकसभा चुनाव में यूपी के लिए सपा-बसपा और रालोद के बीच गठबंधन हुआ है। कैराना लोकसभा सीट सपा के हिस्से में आई है।