नई दिल्ली: कर्नाटक के पूर्व मुख्यमंत्री एचडी कुमारस्वामी ने जेडीएस के विधायकों द्वारा राज्य में बनी नई सरकार के समर्थन करने की बात को सिरे से खारिज कर दिया है. बता दें कि उनकी पार्टी के एक विधायक जीटी देवगौड़ा ने कहा था कि बीजेपी सरकार को जेडीएस के कुछ विधायक अपना समर्थन दे रहे हैं. देवगौड़ा के इस दावे पर सूबे के पूर्व मुख्यमंत्री एचडी कुमारस्वामी ने ट्वीट किया कि हमारी पार्टी के कुछ विधायकों द्वारा बीजेपी की नई सरकार को समर्थन देने की बात इन दिनों चर्चाओं में है. मैं आश्वस्त कर देना चाहता हूं कि इस तरह की कोई भी बात पूरी तरह से आधारहीन है. हम कर्नाटक की जनता के लिए अपनी लड़ाई लड़ रहे हैं और यह आगे भी जारी रहेगी.
वहीं, एचडी कुमारस्वामी के पिता एचडी देवगौड़ा ने पीटीआई से कहा कि हम राज्य में मजबूत विपक्ष की भूमिका निभाने जा रहे हैं. एक क्षेत्रिय दल होने के नाते हमें अपनी जिम्मेदारी सही तरीके से निभानी है. मैं इससे ज्यादा कुछ नहीं कहना चाहता. गौरतलब है कि कुछ दिन पहले ही कर्नाटक में जेडीएस-कांग्रेस की गठबंधन सरकार गिरने के बाद बीजेपी के वरिष्ठ नेता बीएस येदियुरप्पा एक बार फिर राज्य के मुख्यमंत्री पद की शपथ ली थी. कर्नाटक भाजपा अध्यक्ष येदियुरप्पा को राज्यपाल वजुभाई वाला ने मुख्यमंत्री पद की शपथ दिलाई थी. हालांकि बीएस येदियुरप्पा के मंत्रिमंडल में कौन-कौन शामिल होगा, यह अभी साफ नहीं हो पाया है.
बीएस येदियुरप्पा ने कहा था कि ‘मंत्रिमंडल में किसे शामिल किया जाएगा, इसके बारे में मैं हमारे राष्ट्रीय अध्यक्ष से चर्चा करुंगा और उन्हें सूचित करुंगा.’इससे पहले येदियुरप्पा ने सरकार बनाने का दावा पेश करने के लिए राज्यपाल से मुलाकात की थी और उनसे आज ही पद एवं गोपनीयता की शपथ दिलाने का अनुरोध किया था. उन्होंने कहा था कि चूंकि वह पहले ही विपक्ष के नेता हैं तो नेता चुनने के लिए विधायक दल की बैठक बुलाने की जरुरत है. आपको बता दें कि बीएस येदियुरप्पा मंगलवार को शक्ति परीक्षण के बाद कांग्रेस-जद(एस) गठबंधन सरकार गिरने के बाद सरकार बनाने का दावा पेश करने के लिए पार्टी आलाकमान के ‘निर्देशों’ का इंतजार कर रहे थे.
जगदीश शेट्टार, अरविंद लिम्बावली, जे सी मधुस्वामी, बासवराज बोम्मई और येदियुरप्पा के बेटी वियजेंद्र समेत कर्नाटक भाजपा नेताओं के एक समूह ने गुरुवार को नयी दिल्ली में पार्टी प्रमुख अमित शाह से मुलाकात की और सरकार गठन पर चर्चा की थी. दरअसल, कुमारस्वामी के नेतृत्व वाली 14 महीने पुरानी कांग्रेस-जद(एस) गठबंधन सरकार विधानसभा में विश्वास मत हारने के बाद मंगलवार को गिर गई थी. इसी के साथ राज्य में तीन सप्ताह से चल रहे सत्ता संघर्ष पर विराम लग गया. पिछले साल हुए विधानसभा चुनाव में बीजेपी ने 222 सीटों में से 104 सीटों पर कब्जा जमाया था.
सबसे बड़ी पार्टी बनते ही बीजेपी की ओर से शपथ ग्रहण की घोषणा कर दी गई. बीएस येदियुरप्पा बीजेपी विधायक दल के नेता चुने गए. 16 मई 2018 को बीजेपी ने कहा था कि 17 मई की सुबह मुख्यमंत्री के रूप में बीएस येदियुरप्पा शपथ लेंगे. हालांकि कांग्रेस और जेडीएस शपथ ग्रहण को रोकने की अर्जी के साथ सुप्रीम कोर्ट पहुंचे, लेकिन कोर्ट ने शपथ ग्रहण रोकने से इनकार कर दिया. इसके बाद येदियुरप्पा ने सीएम पद की शपथ ली. इसके बाद 19 मई को फ्लोर टेस्ट से ठीक पहले ही येदियुरप्पा ने इस्तीफा दे दिया था.