कर्ज में डूबी जेट एयरवेज के फाउंडर नरेश गोयल को दिल्ली हाईकोर्ट से बड़ा झटका लगा है. दरअसल, नरेश गोयल ने केंद्र सरकार के लुक आउट सर्कुलर के खिलाफ दिल्ली हाईकोर्ट में याचिका दायर की थी. इस याचिका पर सुनवाई करते हुए कोर्ट ने कहा कि अगर आपको विदेश जाना है तो उससे पहले 18 हजार करोड़ रुपये चुकाना होगा. दिल्ली हाईकोर्ट ने इसके साथ ही इस पूरे मामले पर केंद्र सरकार से भी जवाब मांगा है. दिल्ली हाईकोर्ट के जस्टिस सुरेश कैत ने नरेश गोयल की अपील पर सुनवाई करते हुए कहा, ” इस स्तर पर आपको कोई अंतरिम राहत नहीं दी जा सकती है. अगर आप विदेश की यात्रा करना चाहते हैं तो उससे पहले आपको 18,000 करोड़ रुपये की गारंटी डिपॉजिट करनी होगी.” बीते 25 मई को जेट एयरवेज के पूर्व चेयरमैन नरेश गोयल और उनकी पत्नी अनिता गोयल को लंदन के लिए उड़ान भर रहे एक विमान से उतार लिया गया था.
जेट एयरवेज के फाउंडर नरेश गोयलमुंबई स्थित छत्रपति शिवाजी महाराज अंतर्राष्ट्रीय हवाईअड्डे से एमिरेट्स ईके-507 की उड़ान में दोनों सवार हो चुके थे. इस नाटकीय घटनाक्रम में विमान उड़ान भरने ही वाला था कि उसे रोक लिया गया. इसके बाद गोयल ने कोर्ट में याचिका दायर करते हुए कहा था कि मुझ पर कोई प्राथमिकी दर्ज नहीं की गयी है फिर भी 25 मई को दुबई की एक उड़ान से उतार लिया गया. गोयल ने कहा कि उन्हें लुक आउट सर्कुलर की जानकारी ही 25 मई को तब मिली जब वह और उनकी पत्नी अनीता दुबई जा रहे थे, जहां से वह लंदन जाने वाले थे. हाल ही में सीरियस फ्रॉड इन्वेस्टिगेशन ऑफिस (SFIO) को जेट एयरवेज और उसकी समूह की कंपनियों की जांच का आदेश दिया गया है.
सरकार की ओर दे दिए गए जांच के आदेश में यह पता लगाया जाएगा कि क्या वित्तीय अनियमितताएं हुई हैं. धन के गबन, कुप्रबंधन जैसे मामलों को लेकर भी जांच होगी. एसएफआईओ जांच का सामना करने वाली कंपनियों में जेट लाइट (इंडिया) लिमिटेड, जेट प्रिविलेज (इंडिया) लिमिटेड शामिल हैं. इस जांच की रिपोर्ट 6 महीने में सौंपी जाएगी. करीब 9 हजार करोड़ के कर्ज में डूबी जेट एयरवेज की उड़ान सेवाएं दो महीने से अधिक समय से बंद पड़ी हैं. वहीं एयरलाइन के कर्मचारियों के लिए भी आजीविका का बड़ा संकट है. जेट एयरवेज अब दिवालिया प्रक्रिया से गुजर रही है. बीते दिनों ही राष्ट्रीय कंपनी विधि न्यायाधिकरण (एनसीएलटी) ने जेट एयरवेज की दिवाला एवं ऋण शोधन अक्षमता प्रक्रिया शुरू करने की याचिका को स्वीकार कर लिया था.