लंदन: ब्रिटेन से भागकर सीरिया जाकर आतंकी संगठन आईएसआईएस में शामिल हुई शमीमा बेगम की ब्रिटेन द्वारा नागरिकता छीनने के बाद अब बांग्लादेश और नीदरलैंड्स ने भी झटका दिया है। दोनों ही देशों ने उसे अपने यहां शरण देने से मना कर दिया है। इससे पहले ब्रिटेन ने जिहादी दुल्हन के नाम से पहचान बना चुकी शमीमा की नागरिकता रद्द कर दी थी। बांग्लादेश ने अपनी सफाई में कहा है कि शमीमा के पास अब दोहरी नागरिकता नहीं है, इसलिए उसका फिलहाल उनके देश से कोई लेना-देना नहीं है। वहीं नीदरलैंड ने भी उसे अपने देश में घुसने की इजाजत नहीं दी है।
बांग्लादेशी मूल की शमीमा ब्रिटेन के एक स्कूल में पढ़ा करती थीं। वह 2015 में आतंकी संगठन में शामिल हुईं। उस वक्त उसकी उम्र कुल 15 साल थी। तब वह डच के यागो रिडिजक के साथ जिहाद में शामिल हुई थी। अब 19 साल की हो चुकी शमीमा ने अपने नवजात पुत्र के साथ ब्रिटेन लौटने की इच्छा जताई है। लेकिन ब्रिटेन ने इसकी इजाजत नहीं दी। ब्रिटिश गृह मंत्री साजिद जाविद ने 19 फरवरी को बेगम के परिवार को लिखे एक पत्र में उन्हें सूचित किया है कि उन्होंने किशोरी की नागरिकता रद्द करने के आदेश दिए हैं।
फिलहाल, एक सीरियाई शरणार्थी शिविर में रह रही बेगम ने इस कदम को ‘अन्यायपूर्ण’ बताया है। 2015 में बांग्लादेशी मूल की शमीमा 15 साल की स्कूल छात्रा थी जब वह ब्रिटेन से भाग कर सीरिया में आईएसआईएस में शामिल होने चली गई थी। युद्ध की खबर देने वाले एक संवाददाता ने शरणार्थी शिविर में उसका पता लगाया था कि वह गर्भवती है और अपने अजन्मे बच्चे की सुरक्षा के लिए युद्ध क्षेत्र से बाहर निकलने के लिए परेशान है। इससे पहले सीरिया में ही उसके दो नवजात बच्चों की मौत हो गई थी। पहले दोनों बच्चों की बीमारी और कुपोषण के चलते मौत हुई थी।