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जिलाधिकारियों से बातचीत में पीएम मोदी ने कहा- आजादी के 75 साल बाद भी देश में पीछे ही रह गए कई जिले

नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शनिवार को कहा कि विकास के मामले में पिछड़े जिले पहले देश की प्रगति के आंकडों को भी नीचे कर देते थे लेकिन पिछले सात साल में जब से इन पर विशेष ध्यान दिया गया और उन्हें आकांक्षी जिलों के रूप में पेश किया गया, तो यही जिले आज गतिरोध की बजाए गतिवर्धक बन रहे हैं।

विभिन्न जिलों के जिलाधिकारियों के साथ वीडियो कांफ्रेंस के माध्यम से संवाद के दौरान उन्होंने यह बात कही। इस दौरान उन्होंने जिलों में केंद्र सरकार की योजनाओं के क्रियान्वयन की प्रगति की समीक्षा की। अपने संबोधन में प्रधानमंत्री ने कहा कि आजादी के 75 साल की लंबी यात्रा के बाद भी देश में कई जिले पीछे ही रह गए।

समय के साथ इन जिलों पर पिछड़े जिलों का तमगा लगा दिया गया। एक तरफ देश के सैकड़ों जिले प्रगति करते रहे तो दूसरी तरफ ये पिछड़े जिले और पीछे होते चले गए। उन्होंने कहा कि देश की प्रगति के आंकड़ों को भी ये जिले नीचे कर देते थे और इसकी वजह से जो जिले अच्छा भी कर रहे होते थे, उनमें भी निराश आती है।

उन्होंने कहा कि देश में पीछे रह गए इन जिलों पर विशेष ध्यान दिया गया। आज आकांक्षी जिले देश के आगे बढ़ने के अवरोध समाप्त कर रहे हैं। आप सब के प्रयासों से आकांक्षी जिले गतिरोध की बजाए गतिवर्धक बन रहे हैं। प्रधानमंत्री ने कहा कि जो जिले पहले कभी तेज प्रगति करने वाले माने जाते थे, आज कई मानकों में आकांक्षी जिलों ने भी उनसे अच्छा काम करके दिखाया है। उन्होंने कहा कि आकांक्षी जिलों ने विकास के अभियान में हमारी जिम्मेदारियों को विस्तार दिया है।

उसे नया स्वरूप दिया है। संविधान की जो भावना है उसे मूर्त स्वरूप देता है। इसका आधार है केंद्र राज्य और स्थानीय प्रशासन का टीम वर्क। प्रधानमंत्री ने कहा कि कई जिलों ने कुपोषण पर बहुत अच्छा काम किया है तो कुछ जिलों ने पशुओं के टीकाकरण पर बहुत बेहतर काम किया है। उन्होंने कहा कि बिहार जैसे राज्य में जहां 30 प्रतिशत पीने का शुद्ध पानी उपलब्ध था आज वहां 90 प्रतिशत तक नल से शुद्ध पानी पहुंच रहा है।

उन्होंने कहा कि जब दूसरों की आकांक्षाए, अपनी आकांक्षाएं बन जाएं और जब दूसरों के सपनों को पूरा करना अपनी सफलता का पैमाना बन जाए तो फिर वो कर्तव्य पथ इतिहास रचता है। आज हम देश के आकांक्षी जिलों में यही इतिहास बनते हुए देख रहे हैं।” कई राज्यों के मुख्यमंत्री औी नीति आयोग के वरिष्ठ अधिकारी भी इस संवाद कार्यक्रम में मौजूद थे। इस दौरान जिलों के प्रदर्शन की समीक्षा की गई और उनके सामने पेश आ रही चुनौतियों पर भी विचार किया गया।

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