दूसरे मौसम के मुकाबले सर्दियों में खांसी-जुकाम जल्दी होती है इसलिए सर्दियों को फ्लू सीजन भी कहते हैं। ज्यादातर लोग इन छोटी-मोटी समस्याओं से परेशान होकर डॉक्टर के पास एंटीबायोटिक्स लेने चले जाते हैं लेकिन क्या आप जानते हैं इसके कारण आप बार-बार सर्दी-खांसी का शिकार हो जाते हैं। चलिए जानते हैं किस तरह एंटीबायोटिक्स दवाइयों की वजह से आप बार-बार सर्दी-खांसी की चपेट में आ जाते हैं।
इम्यून सिस्टम को खराब करती हैं एंटीबायोटिक्स
गट में कई सारे इम्यून सेल्स होती हैं जो इंफेक्शन से बचाने में मदद करते हैं। वहीं, आंत की दीवार पर 70 फीसदी ऐसी कोशिकाएं होती हैं, जो इम्यून सिस्टम बनाती हैं। इन कोशिकाओं को पेयर्स पैचेज कहा जाता है। यह छोटी आंत को म्यूकोस मेम्ब्रेन्स से सुरक्षा देती हैं और सफेद रक्त कोशिकाओं को रिलीज करके शरीर को इंफेक्शन से बचाती हैं। यहीं पर हेल्दी बैक्टीरिया का काम शुरू होता है, जो कोशिकाओं को सक्रिय करके इनकी वृद्धि में मदद करते हैं। ये कोशिकाएं वायरस और बैक्टीरिया से लड़ने में असरदार होती हैं।
क्यों बार-बार होता है सर्दी-जुकाम?
सर्दी-जुकाम होने पर आप जितनी बार भी एंटीबायोटिक्स दवाइयां लेते हैं, उतनी बार आप हेल्दी बैक्टीरिया को साफ कर रहे होते हैं। इससे पेट में हानिकारक बैक्टीरिया पनपते है और स्वस्थ बैक्टीरिया की वृद्धि रूक जाती है। लगातार एंटीबायोटिक्स लेने से यह एक खतरनाक चक्र बन जाता है, जिससे इम्यून सिस्टम कमजोर पड़ जाता है। इसके बाद आपको जल्दी-जल्दी सर्दी जुकाम होने लगता है और फिर ये सर्दी-जुकाम जल्दी जाता भी नहीं।
8 फीसदी लोग सर्दी, जुकाम, खांसी होने पर एंटीबायोटिक दवायों का सेवन करते हैं। एंटीबायोटिक्स बैक्टीरियल इंफेक्शन से बचने के लिए जरूरी है लेकिन लोग छोटी-मोटी परेशानी के लिए भी इनका सेवन करते हैं जबकि यह प्रॉब्लम्स बिना किसी दवाई के ठीक हो सकती हैं।
अच्छे बैक्टीरिया को खत्म करती है एंटीबायोटिक्स
एंटीबायोटिक्स गट बैक्टीरिया को भी नुकसान पहुंचाते हैं। अधिकतर लोगों को पेंसिलीन और एमॉक्सीलिन जैसे एंटीबायोटिक्स लेने की सलाह दी जाती है जबकि इनकी कोई जरूरत नहीं होती है। इससे ना सिर्फ अच्छे बैक्टीरिया खत्म होते हैं बल्कि यह गट बैक्टीरिया को भी नष्ट कर देता है।
दवाओं के असर को कम करते हैं प्रोबायोटिक्स
डॉक्टरों की सलाह है कि अगर आप किसी कारण एंटीबायोटिक्स ले भी लेते हैं तो उसके बाद प्रोबायोटिक्स भी लें। इससे खत्म हुए गुड़ बैक्टीरिया वापिस आ जाते हैं। इसके अलावा एंटीबायोटिक्स के साइड इफेक्ट से बचने के लिए प्रीबायोटिक फूड्स जैसे- फल और हरी सब्जियां लें।
सर्दी-खांसी का करें घरेलू इलाज
एंटीबायोटिक्स की बजाए सर्दी-खांसी, जुकाम, बैक्टीरिय इंफैक्शन या बुखार को दूर करने के लिए घरेलू नुस्खे अपना सकते हैं। इससे राहत पाने के लिए 1 गिलास गर्म दूध में हल्दा डालकर पिएं। इसके अलावा अदरक के रस और शहद को मिलाकर पीने से भी यह समस्या दूर हो जाती है।
जाने ,क्यों बार-बार होता है सर्दी-जुकाम? देसी नुस्खों से करें इलाज
Loading...