लखनऊ-नई दिल्ली : लोकसभा चुनाव 2019 में पीएम मोदी को सत्ता से बाहर करने के लिए कांग्रेस एक साथ कई रणनीतियां पर काम कर रही है. पार्टी दावा कर रही है कि अगर वह तीन राज्यों में बीजेपी को हराने में कामयाब रही तो वह सत्ता में नहीं लौट पाएगी. पार्टी ने यह दावा बिहार, महाराष्ट्र और उत्तर प्रदेश जैसे बड़ी आबादी वाले राज्यों को लेकर किया है जिनके तहत कुल 168 सीटें आती हैं. पार्टी ने यह भी कहा है कि इन तीनों राज्यों में महागठबंधन होना लगभग तय है.
2014 में महज 44 सीटों पर सिमटने वाली कांग्रेस की नजर अब 300 से अधिक सीटों पर है. एक और तथ्य यह भी है कि 2014 के चुनाव में कांग्रेस का 9 राज्यों में खाता नहीं खुला था. ये राज्य दिल्ली, राजस्थान, गुजरात, हिमाचल प्रदेश, उत्तराखंड, झारखंड, तमिलनाडु, उड़ीसा और गोवा हैं. इस बार इन राज्यों में से कुछ में गठबंधन के सहारे तो कुछ में अपने बूते पार्टी बेहतर प्रदर्शन की उम्मीद कर रही है.
मध्यप्रदेश ,राजस्थान से उम्मीद ज्यादा है
आगामी लोकसभा चुनाव के मद्देनजर कांग्रेस को सबसे ज्यादा उम्मीद राजस्थान और मध्यप्रदेश से है. इन दोनों में बीजेपी की सरकार है और कांग्रेस को लगता है कि सत्ता विरोधी लहर के चलते उसे फायदा होगा. इतना ही पार्टी का मानना है कि इन दोनों राज्यों में वह सरकार बनाएगी. अगर कांग्रेस विधानसभा में जीत दर्ज करने में कामयाब रही तो लोकसभा में उसकी सीटें बढ़ सकती हैं. मध्यप्रदेश में लोकसभा की 29 सीटें है और राजस्थान में 25 सीटें है. 2014 के चुनाव में इन दोनों राज्यों की 54 सीटों में से केवल 2 सीटें कांग्रेस को मिली थी. राजस्थान में पार्टी का सूपड़ा साफ हो गया था और मध्य प्रदेश में केवल दो सीटें जीत पाई थी. गुजरात और पंजाब में बदल सकती है तस्वीर
2014 के चुनाव में गुजरात में कांग्रेस को 26 में से एक भी सीट नहीं मिली थी. गुजरात में विधानसभा चुनाव में कांग्रेस ने 88 सीटों पर जीत दर्ज की थी और बीजेपी को कड़ी टक्कर थी. हालांकि चुनाव के बाद उसके कुछ विधायकों और पार्टी नेताओं ने पाला बदलकर बीजेपी का दामन थाम लिया लेकिन पार्टी पिछली बार के मुकाबले कुछ बेहतर प्रदर्शन कर सकती है. कुछ इसी तरह की उम्मीद पंजाब से भी है. पंजाब में 2014 के चुनाव में 13 में से केवल 3 सीटें मिली थीं. अब वहां कांग्रेस की सरकार है. इसलिए कुछ बेहतर प्रदर्शन कर सकती हैछत्तीसगढ़, दिल्ली, हिमाचाल, उत्तराखंड में सीधी टक्कर
कांग्रेस छत्तीसगढ़, दिल्ली, हिमाचल और उत्तराखंड में बीजेपी से सीधे दो-दो हाथ करने के मूड में है. हालांकि ये चारों छोटे राज्य हैं और इनमें से छत्तीसगढ़ में 11, दिल्ली में 7, हिमाचल प्रदेश में चार और उत्तराखंड में 5 लोकसभा सीटें हैं. कुलमिलाकर 27 सीटों के लिए कांग्रेस और बीजेपी में सीधी टक्कर होगी.