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जलभराव की स्थिति से जूझ रहा अम्बेडकर वि.वि, उठाया अनोखा कदम

नई दिल्ली । समुद्र के तट पर स्थित चेन्नई और यूपी के जिला बुंदेलखंड जैसे कई शहरों में आए दिन जल संकट से हर कोई वाकिफ है। यहां अनुमानित जल संकट के पीछे कहीं न कहीं लुप्त हो रहे तालाब और कुओं को भी एक वजह बताया गया है। ऐसे में अब जहां बारिश के मौसम में तमाम जगहों पर जलभराव की स्थिति बनी हुई है। तो वहीं राजधानी स्थित बाबा साहेब भीमराव अम्बेडकर विश्वविद्यालय भी इसके दायरे में है। हालांकि विश्वविद्यालय में पढ़ने वाले छात्रों को आवागमन के दौरान भारी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। वहीं विश्वविद्यालय प्रशासन ने इससे निजात पाने के लिए एक अनोखा कदम उठाया है।

प्रशासन के अनुसार विश्वविद्यालय परिसर के अंदर खाली जगहों पर तालाब खुदवाये जा रहे हैं। जिससे की बारिश के पानी को संरक्षण किया जा सके साथ ही जलभराव की स्थिति से भी बचा जा सके। विश्वविद्यालय प्रशासन का दावा है कि तालाब में ना सिर्फ बारिश के पानी को इकट्ठा किया जा रहा है, बल्कि इसके जरिये आने वाले समय में जलस्तर को भी बरकरार रखा जा सकता है। यही नहीं इसके जरिये जीव-जंतु, पेड़ पौधों को भी लाभ मिलेगा और वातावरण को संतुलित बनाने में मददगार हो सकेगा।अम्बेडकर विश्वविद्यालय के प्राॅक्टर प्रो. राम चंद्रा ने जलभराव कि स्थिति को लेकर बताया कि बाहरी क्षेत्रों के मुताबिक विश्वविद्यालय परिषर काफी ढलाव क्षेत्र में है।

यही वजह है कि बारिश के मौसम में जलभराव कि स्थिति बनी रहती है, जिसकी वजह से आने जाने वाले छात्रों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। प्रो. राम चंद्रा ने जलभराव की स्थिति से निपटने के बारे में जानकारी देते हुए बताया कि प्रशासन ने ये निर्णय लिया है कि परिसर के अंदर खाली जगहों पर गहरा तलाब स्थापित किया जाए। जिससे की बारिश के पानी को संरक्षण और उसका बचाव हो। बताया कि इसके जरिये आने वाले समय में पर्यावरण को बचाया जा सके साथ ही पेड़ पौधों को भी लाभ मिल सके। वहीं प्रो. ने कहा कि परिसर के अंदर बने नाली की सफाई कराई जा रही है ताकी आसानी से पानी निकल सकें।

वहीं छात्रों ने विश्वविद्यालय प्रशासन के इस कदम को बेहतर बताया है और इस प्रयास को पर्यावरण के लिए लाभ दायक बताया। छात्रों ने आगे बताया कि बीते कुछ महीनें पहले कई शहरों में लोग पानी के संकट से जुझ रहे थे, जिसकी वजह पानी का स्तर नीचे चला जाना रहा। वहीं इसकी वजह बताते हुए छात्रों ने कहा कि तेजी के साथ नदियां, तालाब और कुआं जैसे पानी के साधन लुप्त हो रहे हैं। इस लिहाजे से विश्वविद्यालय प्रशासन द्वारा परिसर के अंदर तालाब स्थापित करने की पहल सही है

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