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जर्मनी में खुला राज क्यों लगाया राहुल गाँधी ने मोदी को गले?जो उनकी पार्टी के नेताओं को नहीं पसंद आया

लखनऊ : कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने देश में बढ़ रही मॉब लिंचिंग (भीड़ की पिटाई से हत्या) की घटनाओं के लिए बेरोजगारी को वजह बताया है। जर्मनी और ब्रिटेन के चार दिन के दौरे पर आए राहुल ने कहा, ‘‘लिंचिंग की घटनाओं के लिए मोदी सरकार की जीएसटी और नोटबंदी जैसी नीतियां जिम्मेदार हैं। केंद्र ने नोटबंदी-जीएसटी को खराब तरीके से लागू किया। इससे छोटे और मझौले कारोबार चौपट हो गए। इससे बेरोजगारी में इजाफा हुआ अौर लोगों में नाराजगी बढ़ गई। लिंचिंग के बारे में जो कुछ भी हम सुनते हैं, वह इसी का परिणाम है।”

 

राहुल ने बुधवार रात हैम्बर्ग के बुसेरियस समर स्कूल के कार्यक्रम में बोले , ‘‘कामगारों के बीच नौकरियों की कमी से घृणा और टकराव पैदा हो रहा है। मैं कहता हूं कि भारत में यदि हम सभी लोगों को रोजगार दे पाते हैं तो जनसंख्या भी अपने आप में कोई समस्या नहीं है। बस हमें इस क्षेत्र में मजबूती से काम करना होगा। मोदीजी इस मामले में कामयाब नहीं हुए हैं। भारत में बेरोजगारी की बड़ी समस्या है, लेकिन प्रधानमंत्री इसे नहीं मानते।”

मेरी पार्टी के नेताओं को मोदी से गले लगना पसंद नहीं आया – : संसद में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के गले लगने के सवाल पर उन्होंने कहा- “मेरी पार्टी के कुछ नेताओं को मेरा मोदीजी से गले मिलना पसंद नहीं आया। गले मिलने का मतलब नफरत का जवाब प्यार से देना था।” राहुल ने अपने पिता पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी की हत्या का भी जिक्र किया। उन्होंने कहा, “1991 में मेरे पिता को एक आतंकवादी ने मार डाला था। कई साल बाद जब उस आतंकवादी की मृत्यु हो गई तो मैं खुश नहीं हुआ। मैंने खुद को उसके बच्चों में देखा। मैंने हिंसा को झेला है और मैं आपको बता सकता हूं कि इससे निकलने का एकमात्र तरीका है- माफ करना।” राजीव गांधी की हत्या करने वाले संगठन लिट्‌टे के प्रमुख वी प्रभाकरण को श्रीलंकाई सेना ने 2009 में मार गिराया था।

राहुल ने अमेरिका-चीन के रिश्तों पर कहा की – भारत की भूमिका इन दोनो शक्तियों को संतुलित करने की है 

1- राहुल ने कहा, “अमेरिका के साथ भारत के सामरिक संबंध हैं। हम उनके साथ लोकतंत्र जैसे कुछ विचार साझा करते हैं, लेकिन चीन बहुत तेजी से बढ़ रहा है। भारत की भूमिका इन दो शक्तियों को संतुलित करने की है।”
2- “यदि हम महिलाओं को शामिल नहीं करते हैं तो देश का निर्माण नहीं कर सकते। भारतीय पुरुषों को महिलाओं को अपने बराबर देखना होगा। जब मैं संसद और राजनीतिक दलों को देखता हूं तो वहां महिला प्रतिनिधि काफी कम दिखाई देती हैं। हम महिला आरक्षण के लिए विधेयक लेकर आए हैं, लेकिन यह पूरी तरह से सामाजिक मुद्दा है।”
3- “भारत और चीन के बीच कोई होड़ नहीं है। हो सकता है कि चीन भारत की तुलना में तेजी से बढ़ रहा हो, लेकिन भारत में लोग जो चाहते हैं, वो व्यक्त कर सकते हैं। यही मायने रखता है। ”
4- “दलितों, अल्पसंख्यकों, आदिवासियों को अब सरकार से कोई फायदा नहीं मिलता। उनको फायदा देने वाली सारी योजनाओं का पैसा चंद बड़े कॉर्पोरेट के पास जा रहा है।”
5- “रोजगार गारंटी योजना, भोजन का अधिकार, सूचना का अधिकार, बैंकों का राष्ट्रीयकरण ये कुछ ऐसे विचार थे, जो सभी सरकारें करना चाहती हैं, लेकिन अब ये विचार काफी हद तक नष्ट हो गए हैं।”

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