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जमाल खशोगी की हत्या से जुड़ी रिकॉर्डिंग आई सामने, ‘टेल योर बॉस’ से फंसे प्रिंस सलमान

सऊदी अरब के दूतावास में मारे गए पत्रकार जमाल खशोगी की हत्या से जुड़ी एक कॉल रिकॉर्डिंग सामने आई है जिसमें खशोगी की हत्या करने वाली टीम में शामिल एक सदस्य ने वारदात अंजाम देने के बाद अपने वरिष्ठ अधिकारी से ‘टेल योर बॉस’ कहा। रिकॉर्डिंग सामने आने के बाद सोशल मीडिया पर सऊदी अरब के खिलाफ कड़ी प्रतिक्रियाएं और तेज हो गई हैं।
अमेरिकी अखबार के मुताबिक, दावा किया जा रहा है कि ‘टेल योर बॉस’ का इस्तेमाल सऊदी के क्राउन प्रिंस मुहम्मद बिन सलमान के लिए इस्तेमाल किया गया। यह रिकॉर्डिंग तुर्की की खुफिया एजेंसी ने बरामद की थी, जिसे पिछले महीने सीआईए के डायरेक्टर जिना हसपेल को सौंपा गया था। तुर्की के अधिकारियों के मुताबिक, इस कॉल रिकॉर्डिंग में सऊदी के माहेर अब्दुलअजीज मुर्तेब की भी आवाज है।

मुर्तेब खशोगी की हत्या करने वाली 15 सदस्यीय टीम में शामिल था। तुर्की के अधिकारियों ने अमेरिकी अफसरों को बताया कि मुर्तेब एक सुरक्षा अधिकारी है, जो ज्यादातर क्राउन प्रिंस सलमान के साथ दिखाई देता है। खगोशी ने ये कहे थे अंतिम शब्द: तुर्की के अधिकारियों ने एक ऐसी ऑडियो रिकॉर्डिंग भी अमेरिकी अफसरों को दी है, जिसमें वॉशिंगटन पोस्ट के लिए काम कर रहे पत्रकार खशोगी के आखिरी शब्द हैं। इस रिकॉर्डिंग में खशोगी ने कहा था, ‘‘मेरा दम घुट रहा है। इस बैग को मेरे सिर से निकालो। मुझे क्लॉस्टेरोफोबिया है।’’ तुर्की का दावा है कि खशोगी की मारने में हत्यारों को सात मिनट लगे थे। उधर, खशोगी की हत्या के मामले में तुर्की के एक अखबार ने नया दावा किया है। सबह नाम के इस अखबार के मुताबिक, इस्तांबुल गए 15 सदस्यीय सऊदी दल के सामान में कैंची और सिरिंज जैसी चीजें थीं।

माना जा रहा है कि इन चीजों को खशोगी के खिलाफ इस्तेमाल किया गया होगा। सबह ने मंगलवार को सऊदी दल के सामान की एक्स-रे तस्वीरें छापीं। एेसे गायब हो गए थे खशोगी: खशोगी तुर्की में रहने वाली अपनी मंगेतर हेटिस सेंगीज से निकाह करना चाहते थे। इसकी अनुमति के लिए वे 2 अक्टूबर को दस्तावेज लेने इस्तांबुल स्थित सऊदी अरब के दूतावास गए थे, लेकिन वहां से नहीं लौटे। सऊदी अरब के नागरिक रहे खशोगी वॉशिंगटन पोस्ट के लिए लिखते थे। उनके सऊदी के शाही परिवार से अच्छे रिश्ते थे, लेकिन बीते कुछ महीनों से वे प्रिंस सलमान के खिलाफ लिख रहे थे। हत्या की बात बार-बार नकारता रहा सऊदी: खशोगी के लापता होने के बाद सऊदी अरब ने पहली बार 20 अक्तूबर को पत्रकार की हत्या होने की बात कबूल की थी। 2 अक्तूबर से सऊदी के अधिकारी बार-बार दावा कर रहे थे कि खशोगी दूतावास से सही-सलामत बाहर निकले थे। हत्या कबूलने के बाद सऊदी अरब की सरकार ने कहा कि शुरुआती जांच के बाद पांच उच्च अधिकारियों को नौकरी से निकाल दिया गया। वहीं, 18 को गिरफ्तार किया गया।

15 सदस्यीय टीम ने की हत्या: बर्खास्त किए जाने वालों में क्राउन प्रिंस सलमान मोहम्मद बिन सलमान के सलाहकार सऊद अल-क्वहतानी और डिप्टी इंटेलिजेंस चीफ मेजर जनरल अहमद अल-असीरी भी शामिल हैं। तुर्की के राष्ट्रपति रेसेप तयिप एर्दोगान का दावा था कि इस मर्डर को अंजाम देने के लिए सऊदी से 15 सदस्यों की एक टीम 2 अक्तूबर को इस्तांबुल आई थी। तुर्की की सिक्योरिटी सर्विस के पास इसके पर्याप्त सबूत भी हैं। तुर्की के राष्ट्रपति रजब तैयब एर्दोआन के मुताबिक, 15 सदस्यीय सऊदी दल खशोगी की हत्या के लिए रियाद से इंस्ताबुल आया था। एर्दोआन ने शनिवार को कहा कि सऊदी अरब, अमेरिका, जर्मनी, फ्रांस और ब्रिटेन के अधिकारियों ने इस्तांबुल में सऊदी अरब के दूतावास में पत्रकार जमाल खशोगी की हत्या से जुड़ी रिकार्डिंग सुनी है। तुर्की के कुछ मीडिया संगठनों और अधिकारियों ने कहा कि अंकारा के पास हत्या की ऑडियो रिकार्डिंग है और उसने सीआईए प्रमुख जीना हास्पेल के साथ इसे उस वक्त साझा किया था, जब वह अक्टूबर के अंत में तुर्की की यात्रा पर थीं।

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