मुम्बई / नई दिल्ली : भारतीय जनता पार्टी सांसद और पूर्व केंद्रीय मंत्री शत्रुघ्न सिन्हा ने फिर पीएम नरेंद्र मोदी पर ताना मारा है मगर इस बार निशाने पर उनका दफ्तर है। पीएनबी बैंक घोटाले के आरोपी नीरव मोदी के दावोस में विश्व आर्थिक मंच पर पीएम मोदी के साथ मंच साझा करने पर उन्होंने सवाल खड़े किए हैं। भाजपा सांसद ने कहा है कि जब पीएमओ उन्हें पीएम मोदी के साथ मंच साझा करने से रोक सकता है तो फिर घोटाले के आरोपी को कैसे हरी झंडी दी गई? क्या जानबूझकर पीएमओ नीरव के कुंडली पर आसन मारकर सोया रहा ?शत्रुघ्न सिन्हा ने सोशल मीडिया पर लिखा है, “कई सरकारी कार्यक्रमों में, मेरे पटना विश्वविद्यालय के शताब्दी समारोह में भी, मुझे (पटना का मौजूदा सांसद) और कई पूर्ववर्ती छात्रों (यशवंत सिन्हा समेत कई लोग) को इजाजत नहीं थी कि पीएम मोदी के साथ मंच पर जाएं क्योंकि पीएमओ द्वारा अप्रूव लिस्ट में नाम नहीं था। अब मंत्रालय कह रहा है कि नीरव मोदी को दावोस में निमंत्रण नहीं दिया गया था लेकिन वो मंच पर विराजमान थे। मैं सिर्फ इस विषय को संज्ञान में लाना चाहता हूं कि क्या हमेशा चौकन्ना रहनेवाला पीएमओ इस विषय पर सो रहा था या फिर नीरव मोदी के कुंडली पर आसन मारकर बैठा था और जानबूझकर पीएम के साथ उद्योगपतियों के समूह में जाने दिया गया? कृपया इस पर प्रकाश डालें।”
बता दें कि पिछले साल 14 अक्टूबर को पटना यूनिवर्सिटी के शताब्दी समारोह में पीएम नरेंद्र मोदी मुख्य अतिथि थे। मंच पर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के अलावा राज्य के शिक्षा मंत्री और यूनिवर्सिटी के कुलपति और कुलसचिव को ही बैठने की इजाजत थी। इनके अलावा किसी अन्य को इजाजत नहीं दी गई थी, जबकि बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री लालू यादव, पूर्व केंद्रीय मंत्री शत्रुघ्न सिन्हा और यशवंत सिन्हा भी इसी यूनिवर्सिटी के पूर्ववर्ती छात्र थे।
शत्रुघ्न सिन्हा ने उस घटना की टीस अब नीरव मोदी प्रकरण से निकाली है। नीरव मोदी पर पंजाब नेशनल बैंक के करीब 11 हजार 500 करोड़ रुपये घोटाले का आरोप है। पीएमओ में साल 2016 से ही नीरव मोदी के घोटाले की फाइल होने की बात कही गई है। बावजूद इसके पीएमओ ने नीरव मोदी को कैसे दावोस में विश्व आर्थिक मंच पर पीएम मोदी के साथ जाने दिया, यह जांच का विषय है। फिलहाल सीबीआई और ईडी नीरव मोदी और उसके मामा मेहुल चौकसे के ठिकानों पर लगातार छापेमारी कर रहा है और उनसे जुड़ी संपत्तियों को सील कर रहा है।