राहुल यादव, नई दिल्ली/ लखनऊ। सांसद एक बेजान इमारत है। जहां शमशान में लोग विवाह के गीत गा रहे हैं।
आरजेडी के राज्य सभा के संसद प्रो. मनोज कुमार झा ने कहा कि नए कृषि कानूनों और किसान आंदोलन स्पष्ट रूप से अलग से चर्चा का विषय है ।
पूस और माघ की सर्द रातों में लाखों किसान दिल्ली के बॉर्डर पर बैठे हुए हैं।
150 से ज्यादा किसानों की दुर्भाग्य पूर्ण मौतें हो चुकी हैं।
सांसद जन प्रतिनिधियों के लिए है।
और अगर जनप्रतिनिधि ज्वलंत जन सरोकार के मुद्दे नहीं उठाएगा तो फिर इस सांसद का क्या मतलब है।तो फिर ये सांसद सिर्फ बेजान इमारत हो जाएगी। इसीलिए 267 के तहत अन्य विपक्षी दलों ने भी जिसमें आरजेडी से हमने भी किसान आंदोलन के मुद्दे पर सामयिक चर्चा का आग्रह किया जिसे दरकिनार किया गया है। हम अभी भी आग्रह करेंगे कि इस मुद्दे पर चर्चा हो। ताकि देश में एक संदेश जाए कि देश के सरोकार और देश की सांसद के बीच में अभी भी कोई तर बचा हुआ है।
अन्यथा लोगों को ये संदेश जा रहा है कि सांसद एक बेजान इमारत है।
जहां शमशान में लोग विवाह के गीत गा रहे हैं।