पटना : बिहार के मुख्यमंत्री और जनता दल यूनाइटेड (जदयू) के अध्यक्ष नीतीश कुमार को चुनाव आयोग से झटका लगा है। आयोग ने कहा है कि उसने आदेश दिया है कि झारखंड और महाराष्ट्र में अब आरक्षित प्रतीक ‘तीर’ का इस्तेमाल करने की जदयू को इजाजत नहीं दी जाएगी। बता दें इस मामले में झारखंड मुक्ति मोर्चा (जेएमएम) ने 24 जून, 2019 को चुनाव आयोग से शिकायत की थी। यानि झारखंड में होने वाले विधानसभा चुनाव में नीतीश कुमार की पार्टी अब अपने चिन्ह पर चुनाव नहीं लड़ पाएगी। जेएमएम ने आयोग से आग्रह करते हुए कहा था कि जदयू के उम्मीदवारों को ‘तीर’ के चिन्ह के साथ झारखंड में कोई भी चुनाव लड़ने की इजाजत नहीं दी जाए।
क्योंकि इससे मतदाताओं के मन में भ्रम पैदा होगा। ऐसा इसलिए क्योंकि जेएमएम और जदयू के चुनाव चिन्ह थोड़े मिलते जुलते हैं। बता दें जदयू का चुनाव चिन्ह तीर का निशान है, जबकि जेएमएम का धनुष है। जेएमएम ने चुनाव आयोग से जदयू का चिन्ह फ्रीज करने की मांग की थी। जेएमएम ने चुनाव आयोग के फैसले का स्वागत किया है। नीतीश की पार्टी ने झारखंड में अकेले चुनाव लड़ने का फैसला लिया है। नीतीश कुमार से विचार विमर्श करने के बाद पार्टी के झारखंड प्रदेश अध्यक्ष सालखन मुर्मू ने अकेले चुनाव लड़ने की घोषणा की थी। इस मामले पर जदयू नेता राजीव रंजन का कहना है, “पार्टी ने ये फैसला लिया है कि हम इस आदेश के खिलाफ चुनाव आयोग जाएंगे। अगर जरूरत पड़ी तो हम हाईकोर्ट भी जाएंगे।”