अशोक यादव, लखनऊ : प्रदेश के आयुक्त, गन्ना एवं चीनी संजय आर भूसरेड्डी ने बताया कि गन्ना विकास विभाग द्वारा संचालित स्मार्ट गन्ना किसान की वेबसाइट enquiry.caneup.in पर cultivated area के सामने ‘Gatawise CLA’ का ऑप्शन गन्ना किसानों को उपलब्ध करा दिया गया है। इस ऑप्शन पर क्लिक करके गन्ना किसान गाटावार कृषि योग्य भूमि का विवरण देख सकता है तथा मिलान न होने की दशा में अपने क्षेत्र के गन्ना पर्यवेक्षक को खतौनी की प्रति उपलब्ध कराकर त्रुटि का निवारण करा सकता है, क्योंकि गाटा संख्यावार दर्ज कृषि योग्य भूमि के आधार पर ही सट्टे का संचालन किया जायेगा।
इस संबंध में विस्तृत जानकारी देते हुए भूसरेड्डी ने बताया कि स्मार्ट गन्ना किसान की वेबसाइट पर जिस प्रकार बेसिक कोटा ऑप्शन पर क्लिक कर विगत 05 वर्षों के गन्ना आपूर्ति के आकड़ों का अवलोकन किया जा सकता है। उसी प्रकार cultivable area के सामने ” Gatawise CLA ” क्लिक कर गन्ना किसान अपनी गाटा वाईज सी.एल.ए. के आंकड़ों का अवलोकन कर सकते हैं। उन्होंने बताया कि किसानों के गन्ना क्षेत्रफल का राजस्व अभिलेखों से मिलान करने पर लगभग 15 से 20 प्रतिशत किसानों का गन्ना क्षेत्रफल अधिक पाया गया। इस त्रुटि के निवारण के लिये ग्राम स्तरीय एवं समिति स्तरीय सर्वे सट्टा प्रदर्शन मेलों में किसानों को त्रुटि निवारण हेतु अवसर भी प्रदान किया गया, परन्तु अभी भी कुछ गन्ना कृषक ऐसे हैं, जो सट्टा प्रदर्शन मेलों के दौरान दर्ज कृषि योग्य भूमि के सापेक्ष गाटा संख्या उपलब्ध नहीं करा पाये हैं। ऐसे गन्ना कृशकों के लिये विभाग द्वारा स्मार्ट गन्ना किसान वेबसाइट पर यह सुविधा उपलब्ध करायी गयी है। जिसे देखकर यदि उनका कोई गाटा संख्या फीड नहीं हो पाया है तो उसकी खतानी गन्ना पर्यवेक्षक को उपलब्ध कराकर निसिंग गाटा संख्या को 10 दिवस के भीतर फीड करायें।
गन्ना आयुक्त ने यह भी बताया कि कतिपय स्थानों पर ऐसे तथ्य संज्ञान में आये हैं कि कुछ गन्ना किसानों द्वारा घोषणा-पत्र में अधिक गन्ना क्षेत्रफल दर्ज करा दिया गया है, जिसके सापेक्ष राजस्व अभिलेख उपलब्ध नहीं कराये गये हैं। उन्होंने कृषकों से अपील की है कि एस.जी.के. में दर्ज कृषि योग्य भूमि के सापेक्ष गाटावार कृषि योग्य भूमि का मिलान आवश्यक है। इसलिये सभी किसान बन्धु एस.जी.के. की वेबसाइट- enquiry.caneup.in पर जाकर ‘Gatawise CLA’ के ऑप्शन पर क्लिक कर गाटावार कृषि योग्य भूमि का मिलान पूर्व में दर्ज कृषि योग्य भूमि से कर लें, अन्यथा निर्धारित समयावधि के उपरांत गाटा संख्यावार दर्ज कृषि योग्य भूमि के आधार पर ही सट्टा स्वतः संचालित हो जायेगा।
भूसरेड्डी ने बताया कि इस व्यवस्था के लागू होने से सभी गन्ना किसानों को गाटा संख्यावार दर्ज भूमि व गन्ना क्षेत्रफल के अनुरूप समानुपातिक रूप से गन्ना पर्चियों की उपलब्धता सुनिश्चित हो सकेगी, जिससे किसान सही समय पर अपने गन्ने की आपूर्ति चीनी मिलों को कर पायेंगे। उपर्युक्त डाटा शुद्धीकरण प्रक्रिया से गन्ना माफियाओं द्वारा अधिक गन्ना क्षेत्रफल दर्शाकर अतिरिक्त पर्चियां प्राप्त करने की जुगत पर पूर्ण रूप से विराम लग सकेगा।
यह भी उल्लेखनीय है कि प्रदेश में 10 से 15 प्रतिशत ऐसे गन्ना कृषक हैं, जो कतिपय तकनीकी कारणों जैसे इण्टरनेट की स्लो स्पीड, बिजी सर्वर आदि समस्याओं के कारण अभी भी घोषणा-पत्र भरने से वंचित रह गये हैं। इन कृषकों की सुविधा एवं विभाग के टोल फ्री नम्बर 1800-121-3203 पर गन्ना किसानों द्वारा लगातार किये जा रहे अनुरोध के दृष्टिगत कृषक हित में घोषणा-पत्र भरने की अन्तिम तिथि 03 नवम्बर 2022 कर दी गई है।