अशाेक यादव, लखनऊ। चुनाव के बाद कृषि कानून को वापस लाने के कुछ भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) नेताओं के बयान पर सवाल उठाते हुए कांग्रेस की राष्ट्रीय महासचिव व यूपी प्रभारी प्रियंका गांधी ने कहा कि कानूनों पर छलावा नहीं, इसका समूल नाश होना चाहिए। ट्वीटर पर दिये बयान में प्रियंका गांधी ने कहा कि चुनाव बाद कृषि कानूनों को वापस लाने के भाजपा नेताओं के बयान किसानों की आशंकाओं को सही ठहराते हैं।
भाजपा ने भूमि अधिग्रहण कानून में भी यही छल किया था। उन्होंने कहा कि न्यूनतम समर्थन मूल्य व फसल बिक्री का हक छीनने वाले कानून का नाश होना चाहिए। बता दें कि रविवार को राजस्थान के राज्यपाल कलराज मिश्र ने कहा कि किसानों के आंदोलन के कारण कानून को वापस लेना पड़ा है। जरूरत पड़ी तो कानून को वापस लाएंगे।
कलराज मिश्र ने भदोही में मीडिया से बात करते हुए कहा कि सरकार द्वारा किसानों के हित में लिए गए फैसले का वह स्वागत करते हैं। सरकार ने किसानों को तीनों कानून के बारे में बहुत समझाने की कोशिश की लेकिन किसान अपनी बातों पर अड़े रहे। फिलहाल के लिए यह कानून वापस लिया जा रहा है। पर भविष्य में इसकी जरूरत पड़ती है तो दोबारा लाया जाएगा।
उन्होंने आगे कहा कि किसान आंदोलित थे इसलिए कानून को वापस लेना पड़ा है। सरकार को कानून की जरूरत वापस पड़ी तो फिर लाया जाएगा। इससे पहले उन्नाव से भारतीय जनता पार्टी के सांसद साक्षी महाराज ने कहा कि बिल तो बनते बिगड़ते रहते हैं। फिर ला देंगे।
दूसरी ओर, विश्व मत्स्य दिवस पर प्रियंका ने सोशल मीडिया में दिये अन्य बयान में कहा कि मत्स्य पालन में कृषि की तरह सुविधाएं दी जाएंगी। प्रियंका ने ट्वीट कर कहा कि बालू खनन व मत्स्य पालन में निषादों के हक को वरीयता मिलेगी। इसके साथ ही, गोरखपुर में गुरु मछेंद्रनाथ विश्वविद्यालय का निर्माण कराया जाएगा।