रायपुर: छत्तीसगढ़ के नक्सल प्रभावित कांकेर जिले में नक्सल विरोधी अभियान के दौरान पुलिस ने जर्मनी में निर्मित एक राइफल बरामद की है. राज्य के वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों ने शुक्रवार को यहां बताया कि यह दूसरी बार है जब पुलिस ने नक्सल विरोधी अभियान के दौरान हेकलर एंड काच कंपनी की रायफल बरामद की है. इससे पहले बस्तर क्षेत्र के ही सुकमा जिले में पिछले वर्ष मई में पुलिस ने ऐसा हथियार बरामद किया था. इस दौरान पुलिस ने दो नक्सलियों को मार गिराया था. राज्य के नक्सल विरोधी अभियान के पुलिस उप महानिरीक्षक सुंदरराज पी ने बताया कि यह हथियार पुलिस ने गुरूवार रात ताड़ोकी थाना क्षेत्र में बरामद किया है. ताड़ोकी थाना क्षेत्र के छोटेमुलनार और मालेपारा गांव के मध्य जंगल में पुलिस ने मुठभेड़ में दो नक्सलियों को मार गिराया है. इस दौरान पुलिस ने चार हथियार बरामद किए जिनमें जी 3 रायफल शामिल है. सुंदरराज ने बताया कि इस मुठभेड़ में मारे गए नक्सलियों की पहचान किसकोड़ो एरिया कमेटी के अंतर्गत बुधियारमारी एलजीएस कमांडर दीपक और किसकोड़ो एलजीएस सदस्य रति के रूप में हुई है. दीपक के सर पर पांच लाख रूपए और रति के सर पर एक लाख रूपए का ईनाम था. इससे पहले पुलिस ने जानकारी दी थी कि सुरक्षा बलों ने घटनास्थल से दो नक्सलियों के शव तथा दो एसएलआर रायफल, एक 303 बंदूक और एक 315 बोर बंदूक बरामद किए हैं.
सुंदरराज ने बताया कि जी 3 रायफल जर्मनी में बनाया गया है. इस हथियार को पाकिस्तान की सेना और कुछ अन्य जगहों के सुरक्षा बल इस्तेमाल करते हैं.पुलिस अधिकारी ने कहा कि यह आशंका है कि कुछ वर्ष पहले इस हथियार को दूसरे देशों से अवैध रूप से बस्तर लाया गया है. इस तरह के हथियार का भारतीय सेना इस्तेमाल नहीं करती है. अधिकारी ने बताया कि पुलिस मामले की छानबीन कर रही है कि यह हथियार नक्सलियों तक कैसे पहुंचा है. पुलिस अधिकारी ने बस्तर क्षेत्र के नक्सलियों के पास इस तरह के अन्य अत्याधुनिक हथियार होने से इंकार नहीं किया है. उन्होंने कहा कि नक्सली कमांडर और उसके समकक्ष इस तरह के स्वचलित हथियार रखते हैं.