(Chhath Puja 2018) छठ पूजा 2018
छठ पूजा का महत्व सूर्यदेव की पूजा के लिए बहुत अधिक हैं। इस पूजा का आरम्भ नहाय खाय से होता हैं। कार्तिक मास के शुक्ल पक्ष की चतुर्थी तिथि यानी नहाय खाय से शुरू होने वाला ये महापर्व चार दिनों तक चलता हैं। छठ पूजा का त्यौहार मुख्य रूप से सूर्यदेव की आराधना का हैं। लेकिन साथ ही इसमें षष्ठी तिथि की देवी छठी मईया की उपासना का महत्व बहुत अधिक हैं। छठ पूजा 2018 में 11 नवम्बर, रविवार से 14 नवम्बर, बुधवार तक की जाएगी। इस छठ पूजा स्पेशल रिपोर्ट में जानें छठ पूजा का महत्व, चार दिवसीय पूजन तिथि और शुभ मुहूर्त-
छठ पूजा का महत्व
संतान की दीर्घायु और स्वास्थ्य के लिए की जाने वाली छठ पूजा का महत्व पौराणिक कथाओं में भी सुनने को मिलता है। ऐसी मान्यता है कि जब पांडव जुए में अपना राजपाठ हार गए थे। तब द्रौपदी ने छठ पूजा कर व्रत रखा था। जिससे पांडवों को राजपाठ वापस मिल गया था। माना जाता है कि महाभारत काल में छठ पूजा की शुरूआत सूर्य पुत्र कर्ण ने की थी। सूर्य की कृपा से उनका जन्म हुआ और साथ ही महान योद्धा भी बने।
छठ पूजा चार दिवसीय पूजन
छठ पूजा का पहला दिन
नहाय खाय
11 नवंबर 2018 – (चतुर्थी) रविवार
छठ पूजा का दूसरा दिन
लोहंडा और खारना दिवस
12 नवंबर 2018 – (पचमी) सोमवार
छठ पूजा का तीसरा दिन
13 नवंबर 2018 – (षष्ठी) मंगलवार
सूर्योदय – सुबह 06:45
सूर्यास्त – शाम 18:01
छठ पूजा का चौथा दिन
उषा अर्घ्य का दिवस/ पराना दिवस
14 नवंबर 2018 – (सप्तमी) बुधवार
सूर्योदय – सुबह 06:45
सूर्यास्त – शाम 18:00
छठ पूजा 2018: जानिए क्यों की जाती है छठ पूजा, क्या है पौराणिक महत्व और अर्घ्य देने का शुभ मुहूर्त ?
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