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छठ पूजा 2018: क्या आप जानते है छठ पूजा में लम्बा सिंदूर क्यों लगाती है स्त्रियां, जानिए महत्व और मुख्य वजह

धर्म विशेष : छठ पूजा महापर्व सूर्यदेव की उपासना का हैं। छठ पूजा में सिंदूर का लम्बा टीका लगाने का विधान हैं। चार दिन तक चलने वाले इस त्यौहार की शुरूआत 11 नवंबर, बुधवार से हो गई है। छठ पूजा का तीसरे और चौथे दिन मुख्य अर्घ्य देकर पूजा सम्पन्न की जाती है। ये पर्व मुख्य रूप से पूर्वांचल में मनाया जाता था। लेकिन अब इस त्यौहार की धूम पूरे देश में देखने को मिलती है। छठ पूजा की बात आते है कि लोगों के मन में अक्सर ये सवाल आता है कि छठ पूजा मनाने वाली महिलाएं आखिर लम्बा सिंदूर का तिलक क्यों लगाती है। तो आप हमारी इस छठ पूजा 2018 की स्पेशल स्टोरी में जानिए छठ पूजा में लम्बा तिलक लगाने का महत्व और मुख्य वजह-छठ पूजा में वर्ती महिलाएं क्यों लगाती हैं सिंदूर का लम्बा टीका/ छठ पूजा में लम्बा तिलक लगाने का महत्व
छठ पूजा के व्रत को दुनिया के सबसे कठिन व्रत माना जाता है। इस व्रत में व्रती स्त्रियां शरद ऋतु में पानी में खड़े हो सूर्यदेव को अर्घ्य देती हैं। और अपने सुहाग और संतान की रक्षा के लिए 36 घंटों तक का निर्जला व्रत रखती हैं। छठ पूजा में व्रती स्त्रियां अपने माथे से लेकर मांग तक लंबा सिंदूर लगाती हैं। छठ पूजा व्रत को स्त्रियां बड़ी निष्ठा-तपस्या से व्रत इसलिए रखती हैं कि उनके सुहाग की रक्षा सदैव भगवान सूर्य करें। हिन्दू धर्म की मान्यताओं के अनुसार सिंदूर से ही सुहाग का रिश्ता को मजबूत होता हैं। शादी के समय भी दुल्हा दुल्हन की मांग में सिंदूर भरता है, और शादी के बाद से ही सौभाग्य के रूप में नियमित महिलाएं अपनी मांग में सिंदूर भरती है। यही कारण है कि छठ पूजा की व्रती स्त्रियां भी इस व्रत में सिंदूर लगा कर छठ मईया से अपने सुहाग की लम्बी उम्र का वरदान मांगती हैं। इसलिए ही वो माथे से लेकर मांग तक लंबा सिंदूर लगाती हैं। एक लोक मान्यता के अनुसार जो स्त्रियां अपने मांग के सिंदूर को बालों में छिपा लेती है, उसका पति समाज में भी छिप जाता है और उनके पति को समाज में सम्मान नहीं मिल पाता हैं। इसलिए ऐसा कहा जाता है कि सिंदूर लम्बा और इस प्रकार लगाया जाए कि वह सभी को दिखे यह सिंदूर नाक से शुरू कर जितनी लंबी मांग हो उतना भरा जाना चाहिए। ऐसा करने से पति की आयु लंबी होती है। छठ का व्रत पति की लंबी आयु की कामना से रखा जाता है इसलिए सुहाग के प्रतीक सिंदूर को विशेष रूप से छठ पूजा में लगाया जाता हैं।

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