नई दिल्ली: वित्तीय वर्ष 2017-18 में उद्योगों से राजनीतिक चंदा जुटाने वाले इलेक्टोरल ट्रस्ट का सबसे ज्यादा धन भाजपा के खाते में गई है। प्रूडेंट इलेक्टोरल ट्रस्ट ने इस दौरान कुल 169 करोड़ रुपए जुटाए, जिसमें से 144 करोड़ उसने भाजपा को दिए। प्रूडेंट को मिले169 करोड़ के चंदे में से धन की कमी झेल रही कांग्रेस को केवल 10 करोड़ रुपए दिए गए। इसके अलावा इस ट्रस्ट ने 5 करोड़ रुपए ओडिशा के मुख्यमंत्री नवीन पटनायक की बीजद को दिया है। पहले यह ट्रस्ट शिरोमणि अकाली दल, समाजवादी पार्टी, आम आदमी पार्टी और राष्ट्रीय लोकदल सहित आधा दर्जन के करीब पार्टियों को दान देता था। बता दें कि पहले इसका नाम सत्य इलेक्टोरल ट्रस्ट हुआ करता था। वित्त वर्ष 2017-18 में भारतीय जनता पार्टी को अब तक का सबसे बड़ा चंदा मिला है।पिछले चार साल में इलेक्टोरल ट्रस्टों को कंपनियों से जो पैसा मिला, उसमें से 90 प्रतिशत प्रूडेंट के खाते में गया। कुछ जानकारों का कहना है कि इलेक्टोरल बॉन्ड के जारी होने के बाद ट्रस्टों की भूमिका खत्म हो सकती है। अप्रैल 2017 से मार्च 2018 के बीच 18 किस्तों में प्रूडेंट ने भाजपा को 144 करोड़ रुपए दिए। वहीं, कांग्रेस को 2017 में चार चेक दिए गए और बीजद को 2017 के आखिर और जनवरी 2018 में भुगतान किया गया। पिछले लोकसभा चुनाव से पहले सत्य इलेक्टोरल ट्रस्ट सुर्खियों में आया था। उस वक्त उसने 85.4 करोड़ रुपएजुटाए थे। वित्त वर्ष 2017 में इस ट्रस्ट ने रिकॉर्ड 283.73 करोड़ रुपये जुटाए थे।
शुरुआत में इस ट्रस्ट को भारती ग्रुप की 33 कंपनियों का समर्थन हासिल था। दिल्ली के वसंत कुंज क्षेत्र में भारती ग्रुप के ऑफिस से ही इसका संचालन होता था। बाद में बहादुर शाह जफर मार्ग के हंस भवन में इसका ऑफिस शिफ्ट हो गया और ट्रस्ट का नाम बदलकर प्रूडेंट कर दिया गया। जानकारी के अनुसार 6 इलेक्टोरल ट्रस्ट ने वित्त वर्ष 2005 से 2012 के बीच कुल 105 करोड़ का चंदा राजनीतिक दलों को दिया था। 2014 में दाताओं के नाम सार्वजनिक करने के दिशानिर्देश लागू हुए। वित्त वर्ष 2014 से 2017 के बीच 9 रजिस्टर्ड इलेक्टोरल ट्रस्ट ने राजनीतिक पार्टियों को कुल 637.54 करोड़ रुपए का चंदा दिया।
अन्य ट्रस्ट से भी भाजपा को मिला सबसे ज्यादा
बता दें कि प्रूडेंट सबसे बड़ा इलेक्टोरल ट्रस्ट है, लेकिन दूसरे सबसे बड़े ट्रस्ट आदित्य बिड़ला ग्रुप के एबी जनरल इलेक्टोरल ट्रस्ट का भी ऐसा ही पैटर्न है। उसने वित्त वर्ष 2018 में 21 करोड़ रुपए में से 12.5 करोड़ भाजपा, 1 करोड़ कांग्रेस और 8 करोड़ बीजद को दिए। मुरुगप्पा ग्रुप के ट्रायंफ इलेक्टोरल ट्रस्ट ने 2 करोड़ में से1 करोड़ भाजपा और1 करोड़ कांग्रेस को दिए। कुछ ट्रस्ट ने सिर्फ एक पार्टी को ही पूरा पैसा दिया। जनशक्ति इलेक्टोरल ट्रस्ट ने 5 लाख रुपए का अपना पूरा फंड नेशनल कांफ्रेंस को दिया, जबकि जनकल्याण इलेक्टोरल ट्रस्ट ने 51 लाख रुपए शरद पवार की एनसीपी को। देश में कुल 22 रजिस्टर्ड इलेक्टोरल ट्रस्ट हैं। इनमें से कई निष्क्रिय हैं।
चुनाव से पहले इलेक्टोरल ट्रस्ट का सबसे ज्यादा धन भाजपा के खाते में और कांग्रेस को मिले केवल 10 करोड़
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