नई दिल्ली: लोकसभा चुनाव के पहले चरण की वोटिंग से पहले आम लोगों को राहत मिल सकती है. दरअसल, आगामी 2 अप्रैल से रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया के मौद्रिक नीति समिति (एमपीसी) की बैठक 2-4 अप्रैल को होनी है. इस बैठक में रेपो रेट में कटौती का फैसला हो सकता है. अगर ऐसा हुआ तो बैंकों को ब्याज दरों में कटौती करनी होगी और इसका फायदा आपको मिलेगा. रिपोर्ट के मुताबिक आरबीआई रेपो रेट में 25 बेसिस प्वाइंट की कटौती कर सकता है. रिपोर्ट में कहा गया है, ‘आर्थिक गतिविधियों में लगातार आ रही कमजोरी, सुस्त महंगाई दर और ग्लोबल इकॉनमी की कमजोर पड़ती रफ्तार के साथ फेडरल रिजर्व का नरम रवैया इस फैसले का आधार बन सकता है.’
ब्रोकरेज एजेंसी ने यह भी कहा कि वित्त वर्ष 2019 में भारत की जीडीपी 7.1 फीसदी रहने की उम्मीद है. वहीं 2020 में यह 7.5 फीसदी रहने का अनुमान है. बता दें कि खुदरा महंगाई दर को ध्यान में रखते हुए आरबीआई ब्याज दरों पर फैसला करता है. फरवरी में खुदरा महंगाई दर मामूली बढ़त के साथ 2.57 फीसदी पर पहुंच गई. यह इसका चार माह का उच्चस्तर है. लेकिन सालाना आधार पर महंगाई दर अब भी कम है. वहीं जुलाई 2018 से लेकर जनवरी 2019 के बीच लगातार महंगाई में गिरावट आई है.
यही वजह है कि आरबीआई ने फरवरी महीने की बैठक में रेपो रेट में 25 बेसिस प्वाइंट की कटौती की. वर्तमान में आरबीआई का रेपो रेट 6.25 फीसदी है.हालांकि एसबीआई को छोड़कर अन्य बैंकों ने इसका फायदा ग्राहकों को नहीं दिया. इस संबंध में आरबीआई गवर्नर शक्तिकांत दास ने बैंकों के अधिकारियों के साथ बैठक भी की थी. वहीं आरबीआई ने अपने मौद्रिक रुख को ”सख्त” से बदलकर ”सामान्य” कर दिया है. नीतिगत रुख में बदलाव किए जाने के बाद ही माना जा रहा था कि आरबीआई आगे भी ब्याज दरों में कटौती की राहत दे सकता है.