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चुनाव के समय ही भाजपा को याद आते है अतिपिछड़े: लौटन राम

लखनऊ। राष्ट्रीय निषाद संघ (एनएएफ) के राष्ट्रीय सचिव चै0 लौटन राम निषाद ने यहां जारी अपने बयान में कहा कि जब लोक सभा व विधान सभा चुनाव आता है तो भाजपा पिछड़ों-अतिपिछड़ों, दलितों-अति दलितों व हिन्दू-मुसलमानों का मुद्दा उछालती है। उन्होंने कहा कि काठ की हाड़ी एक बार चढ़ती है बार-बार नहीं। लोक सभा चुनाव के दौरान भाजपा ने सामाजिक न्याय मोर्चा के माध्यम से अतिपिछड़ों का मुद्दा अतिपिछड़े वर्ग के नेताओं से उठवाकर अतिपिछड़ों को यादव समाज के विरूद्ध खड़ा कर राजनीतिक लाभ उठाया परन्तु सरकार बनने के बाद अतिपिछड़े वर्ग के नेताओं को दर किनार कर लिफाफा राजनीति के तहत मोहरे के तौर पर कुछ अतिपिछड़ों को निगम, आयोग व परिषदों में समायोजित कर राजनीतिक लाभ उठाने का षड़यंत्र कर रही है।

जिसे अब अतिपिछड़ा समाज समझ गया है और भाजपा के झासे में न आकर सपा-बसपा गठबंधन के साथ जायेगा। उन्होंने कहा कि संविधान, लोकतंत्र व आरक्षण को भाजपा से खतरा है। संविधान व लोकतंत्र के रक्षार्थ पिछड़े-दलित-अकलियत समाज से एक जुट होकर भाजपा महागठबंधन को हराने के लिए आहवान किया है। उन्होंने कहा कि भाजपा ने जो भी पिछड़े व अतिपिछड़े वर्ग की नेता है उनका जमीर मर चुका है। निज स्वार्थ में वे भाजपा का मोहरा बन अपने कौम के साथ हो रहे सामाजिक अन्याय व अधिकार हनन पर चुप्पी साधे हुए हैं। उन्होंने अपना दल की नेता अनुप्रिया पटेल व सुभासपा अध्यक्ष ओमप्रकाश राजभर को सौदेबाज व परिवारवादी नेता बताते हुए कहा कि ये दोनों सिर्फ भाजपा से सौदेबाजी के लिए झूठी बयानबाजी करते हैं। ये दोनों नेता सिर्फ अपने पुत्र व पति को राजनीतिक लाभ दिलाने के लिए हो हल्ला करते हैं।

श्री निषाद ने कहा कि भाजपा चुनाव में श्रीराम- श्री निषादराज की मित्रता का हवाला देकर गंगा पुत्र मल्लाह, केवट, बिन्द, मांझी, धीवर, रायकवार, कश्यप, गोडिया आदि जातियों का वोट हथियाकर राजनीतिक लाभ उठाया। लेकिन सरकार में आने के बाद इन जातियों के साथ सौतेला व्यवहार व धोखा किया है। 05 नवम्बर 2012 को नितिन गडकरी व सुषमा स्वराज ने देश भर से जुटे मछुआरा संगठनों के प्रतिनिधियों के बीच मावलंकर आडिटोरियम में मछुआरा दृष्टिपत्र,फिशरमेन विजन डाॅक्यूमेंट्स जारी करते हुए संकल्प लिया था कि 2014 में सरकार बनने पर आरक्षण की विसंगति दूर कर सभी मछुआरा जातियों को एससी,एसटी का आरक्षण दिया जायेगा। उन्होंने कहा कि भाजपा का मछुआरा दृष्टिपत्र कहां गया ? उत्तर प्रदेश में लगभग 13 प्रतिशत निषाद मछुआरा जातियों की आबादी है। परन्तु इस समाज के जय प्रकाश निषाद तीसरी बार विधायक बने हैं और उन्हे राज्य मंत्री बनाकर निषाद समाज का अपमान किया गया है। लोक सभा चुनाव में निषाद मछुआरा समाज भाजपा की नईया को डूबाकर सत्ता से बाहर करेगा।

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