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चुनावी सियासतों की गर्मागर्मी में AIMIM प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी बोले -“मुसलमान मुक्त भारत बनाना चाहते हैं अमित शाह”

लखनऊ : एआईएमआईएम (AIMIM) प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी ने बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह के एक बयान पर पलटवार करते हुए विवादित टिप्पणी की है. तेलंगाना विधानसभा चुनाव प्रचार में एक रैली में ओवैसी ने आरोप लगाया कि बीजेपी और अमित शाह मुसलमान मुक्त भारत बनाना चाहे हैं. उन्होंने अपने भाषण के जरिए अल्संख्यकों को डराने की कोशिश कर रहे थे कि अगर बीजेपी सत्ता में आई तो उन्हें यहां से जाना पड़ेगा. ओवैसी ने कहा कहा, ‘अमित शाह ने हैदराबाद में आकर कहा कि वे हैदराबाद को मजलिस से मुक्त करेंगे. कौन सा मुक्त करेंगे आप? कहां से मुक्त करेंगे, आप मजलिस मुक्त नहीं भारत से मुसलमानों को मुक्त करना चाहते हैं. भारत से मुसलमानों को अलग करना चाहते हैं.’ ओवैसी ने आरोप लगाया कि बीजेपी और अमित शाह कांग्रेस मुक्त का नारा देते हैं, लेकिन वे मुस्लिम मुक्त भारत बनाना चाहते हैं.

पिछले दिनों एक चुनावी सभा में बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह ने कहा था कि आजादी के बाद हैदराबाद को भारत में शामिल कराने के लिए कई लोगों ने कुर्बानी दी थी. उनकी याद में हैदराबाद मुक्ति दिवस मनाया जाता था. मजलिस के डर से तेलंगाना सरकार ने हैदराबाद मुक्ति दिवस मनाना बंद कर दिया है. सरकार मजलिस के मना करने पर कुर्बानी देने वालों को भी याद करना छोड़ दिया है. उन्होंने कहा कि अगर बीजेपी तेलंगाना में सत्ता में आती है तो वह हैदराबाद मुक्ति दिवस मनाएगी और कुर्बानी देने वाले लोगों का सम्मान करेगी.

इससे पहले एआईएमआईएम (AIMIM) प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी ने विपक्षी गठबंधन के वास्ते पहल करने के लिए आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री एन चंद्रबाबू नायडू की साख पर सवाल उठाते हुए कहा कि वह हाल तक और 2002 के ‘‘गुजरात दंगों’’ के दौरान भाजपा के एक समर्थक थे. उन्होंने कहा कि नायडू की तेलुगु देशम पार्टी (तेदेपा) उस समय नरेन्द्र मोदी सरकार का हिस्सा थी जब छात्र रोहित वेमुला, मोहम्मद अखलाक (लिंचिंग पीड़ित) की मौत हुई.ओवैसी ने ट्वीट किया, ‘2002 में गुजरात दंगों के समय एनसीबीएन ने भाजपा का समर्थन किया. जब अखलाक, रोहित, जुनैद, अलीमुद्दीन की हत्या की गई तो उस समय वह पीएमओ इंडिया कैबिनेट के एक हिस्सा थे, आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री के रूप में उनके पहले के कार्यकाल के दौरान कई सांप्रदायिक दंगे हुए, मुठभेड़ में अजीज और आजम की हत्या हुई और अब वह धर्मनिरपेक्षता के रक्षक है. वाह.’

आंध्र प्रदेश को विशेष राज्य का दर्जा देने से केंद्र के इनकार के बाद इस साल के शुरू में राजग से अलग होने वाले नायडू भगवा पार्टी के खिलाफ एकजुटता के साथ लड़ने के लिए गैर-भाजपा दलों के नेताओं के साथ बातचीत कर रहे है. नायडू ने कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी और राकांपा के प्रमुख शरद पवार से दिल्ली में मुलाकात की. इससे पहले भी ओवैसी बीजेपी के खिलाफ हमले करते रहे हैं. आपको बता दें कि आंध्र प्रदेश से अलग होने के बाद तेलंगाना में पहली बार चुनाव हो रहे हैं. फिलहाल राज्य में TRS की सरकार है.

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