लखनऊ : चीन में हो रही भारतीय नोटों की छपाई को लेकर आई खबरों को सरकार ने निराधार बताया है. वित्त मंत्रालय के आर्थिक मामलों के विभाग के सचिव ने इस मसले पर सफाई दी है और कहा कि नोटों की छपाई देश के भीतर ही होती है. आपको बता दें कि साउथ चाइना मॉर्निंग पोस्ट की एक रिपोर्ट में कहा गया था कि भारत, नेपाल, बांग्लादेश, मलयेशिया, थाइलैंड समेत कई देशों की करंसी चीन स्थित प्रिंटिंग प्रेसों में छापी जा रही हैं.
वित्त मंत्रालय की सफाई- वित्त मंत्रालय के आर्थिक मामलों के विभाग के सचिव सुभाष चंद्र गर्ग ने एक समाचार एजेंसी को दिए बयान में कहा, ‘चीन की किसी भी प्रिंटिंग प्रेस को भारतीय नोट छापने का ऑर्डर मिलने से जुड़ी सभी रिपोर्ट्स आधारहीन हैं. भारतीय करंसी नोट केवल भारत सरकार और आरबीआई की प्रिटिंग प्रेस में छापे जाते हैं और छापे जाते रहेंगे.
ये है मामला
सोमवार को साउथ चाइना मॉर्निंग पोस्ट कि एक रिपोर्ट में कहा गया था कि भारत, नेपाल, बांग्लादेश, मलेशिया, थाइलैंड समेत कई देशों की करंसी चीन स्थित प्रिंटिंग प्रेसों में छापी जा रही हैं. यह रिपोर्ट बेल्ट ऐंड रोड प्रॉजेक्ट की वजह से चीन में अन्य देशों के नोट प्रिंटिंग के बढ़ते कारोबार और वहां की अर्थव्यवस्था पर इसके असर से संबंधित थी, जिसमें भारतीय करंसी की चीन में छपाई का जिक्र था. इस रिपोर्ट के आने के बाद से विपक्षी पार्टियां केंद्र सरकार पर हमलावर हो गई थीं. कांग्रेस नेता शशि थरूर ने इस मुद्दे पर केंद्रीय मंत्री अरुण जेटली और पीयूष गोयल से स्पष्टीकरण की मांग की थी, वहीं आप नेता राघव चड्ढा ने भी ट्वीट के जरिए सरकार पर निशाना साधा था.