नई दिल्ली। वाणिज्य मंत्रालय ने गुरुवार को कहा कि समुद्री और बागवानी उत्पादों सहित देश के कृषि उत्पादों का निर्यात अप्रैल से नवंबर, 2021 के दौरान 23.21 प्रतिशत बढ़कर 31.05 अरब डॉलर हो गया। मंत्रालय ने कहा कि चालू वित्त वर्ष में कृषि निर्यात पहली बार 50 अरब डॉलर के स्तर को लांघ सकता है।
निर्यात को बढ़ावा देने के लिए मंत्रालय ने कोविड-19 महामारी के चालू दौर में भी कई कदम उठाए हैं। इन उपायों में विभिन्न प्रमाणपत्रों व मान्यताओं की वैधता की समाप्ति अवधि के बाद उनकी वैधता का विस्तार करना, समस्याओं के समाधान के लिए नियंत्रण कक्ष स्थापित करना, निर्यात के लिए ऑनलाइन प्रमाणपत्र जारी करना और जांच संबंधी और प्रयोगशालाएं खोलने की सुविधा प्रदान करना शामिल है।
मंत्रालय ने कहा कि इन पहल के कारण ही भारत वैश्विक मांग की पूर्ति कर पाया और इससे कृषि निर्यात को गति मिली। मंत्रालय ने कहा, ”मौजूदा वृद्धि स्तर को देखते हुए भारत का कृषि निर्यात पहली बार 50 अरब डॉलर के आंकड़े को पार कर सकता है, जो इतिहास का सर्वाधिक स्तर होगा।” इसमें कहा गया कि चावल निर्यात इस साल 2.2 करोड़ टन हो सकता है।
गैर-बासमती चावल, गेहूं, चीनी तथा अन्य अनाज की वृद्धि भी अब तक काफी बेहतर है। इन उत्पादों का निर्यात बढ़ने से पंजाब, हरियाणा, उत्तर प्रदेश, बिहार, पश्चिम बंगाल, छत्तीसगढ़, मध्य प्रदेश, तेलंगाना, आंध्र प्रदेश और महाराष्ट्र के किसानों को लाभ पहुंचा है। मंत्रालय ने कहा कि समुद्री उत्पादों का निर्यात भी पहली बार आठ अरब डॉलर के स्तर को पार कर सकता है और मसालों का निर्यात 4.8 अरब डॉलर के रिकॉर्ड स्तर पर पहुंच सकता है।