हिमालय के चारधामों में से एक अन्य धाम बद्रीनाथ मंदिर के कपाट आज खुल गए। बारह ज्योतिर्लिंगों में से एक बाबा बद्रीनाथ के दर्शन कर सकेंगे। वैदिक मंत्रोच्चार के बीच विधिवत पूजा अर्चना के बाद तड़के मंदिर के कपाट श्रद्धालुओं के लिये खोल दिये गए। इससे पहले गंगोत्री, यमुनोत्री और केदारनाथ धाम के कपाट खुल गए हैं। गौरतलब है कि गुरूवार को बाबा केदारनाथ के कपट भक्तों के लिए खुल गए थे।
अब अगले छह माह तक देश-विदेश के तीर्थयात्री उत्तराखंड के रूद्रप्रयाग जिले में करीब 12 हजार फुट की ऊंचाई पर मंदाकिनी नदी के तट पर स्थित बारह ज्योतिर्लिंगों में से एक बाबा केदारनाथ-बदरीनाथ के दर्शन कर सकेंगे। कपाट खोले जाने के दौरान भारी ठंड के बावजूद मंदिर परिसर में देश-विदेश से आये करीब ढाई हजार श्रद्धालु भी मौजूद रहे जो बम-बम भोले के नारे लगा रहे थे। आम श्रद्धालुओं के साथ ही प्रदेश के कई गणमान्य व्यक्ति भी पहले दिन बाबा के दर्शन के लिये पहुंचे। इससे पहले अक्षय तृतीया के पावन पर्व पर सात मई को गंगोत्री और यमुनोत्री मंदिर के कपाट श्रद्धालुओं के लिए खोले जाने के साथ ही इस वर्ष की चारधाम यात्रा का शुभारंभ हो गया।
हर साल अप्रैल-मई में शुरू होने वाली चारधाम यात्रा के शुरू होने का स्थानीय जनता को भी इंतजार रहता है। छह माह तक चलने वाली इस यात्रा के दौरान देश-विदेश से आने वाले लाखों श्रद्धालु और पर्यटक जनता के रोजगार और आजीविका का साधन हैं और इसीलिए चारधाम यात्रा को गढ़वाल हिमालय की आर्थिकी की रीढ़ माना जाता है। सर्दियों में भारी बर्फवारी और भीषण ठंड की चपेट में रहने के कारण चारों धामों के कपाट हर साल अक्टूबर-नवंबर में श्रद्धालुओं के लिए बंद कर दिये जाते हैं जो अगले साल अप्रैल-मई में फिर खोल दिये जाते हैं।