लखनऊ: घोटाले की मार से उभरने की कोशिश में जुटे पंजाब नेशनल बैंक को चौथी तिमाही में तगड़ा झटका लगा है. पीएनबी को 31 मार्च को खत्म हुई तिमाही में 13,417 करोड़ रुपये का घाटा हुआ है. यह बैंक को किसी तिमाही में हुआ अब तक का सबसे बड़ा घाटा है. पिछले साल इस तिमाही के दौरान बैंक को 262 करोड़ रुपये का कुल मुनाफा हुआ था.
वित्त वर्ष 2016-17 की इस तिमाही में बैंक को 261.90 करोड़ रुपये का लाभ हुआ था. चौथी तिमाही में बैंक की कुल आमदनी भी पिछले साल के मुकाबले 14,989.33 करोड़ रुपये से घटकर 12,945.68 करोड़ रुपये पर आ गई है.
बैंक ने कहा कि 31 मार्च को खत्म हुई तिमाही के दौरान उसका प्रोविजन्स और कंटेंजींसीज 20,353.10 करोड़ रुपये पर पहुंच गया. दिसंबर तिमाही में यह प्रोविजन 4,466.68 करोड़ रुपये था. पिछले साल इस तिमाही के दौरान यह 5,753.51 करोड़ रुपये रहा था.
प्रोविजन्स का मतलब खुद को उन चीजों के लिए तैयार रखना है, जो बैंक अथवा कंपनी के ऑपरेशन पर असर डाल सकती हैं. वहीं, कटेंजींसीज का मतलब खुद को उन घटनाओं या चीजों के लिए तैयार करना है, जिनके भविष्य में होने की संभावना है.
पंजाब नेशनल बैंक के एनपीए अथवा बैड लोन में भी काफी ज्यादा बढ़ोतरी हुई है. 31 मार्च को खत्म हुई तिमाही में बैंक का कुल बैड लोन 18.38 फीसदी बढ़ा है. पिछले साल यह आंकड़ा इसी दौरान 12.53 फीसदी पर था.
वहीं, शुद्ध एनपीए की बात करें तो इसमें भी इस तिमाही के दौरान 11.24 फीसदी की बढ़ोतरी हुई है. पिछले साल की बात करें, तो इस तिमाही में यह 7.81 फीसदी रहा था.
बता दें कि इसी साल फरवरी में देश के दूसरे सबसे बड़े सरकारी बैंकपंजाब नेशनल बैंक ने अपनी मुंबई स्थित एक शाखा में करीब 11,400 करोड़ रुपये का फ्रॉड होने की बात जाहिर की थी. हालांकि बाद में जैसे-जैसे परतें खुलीं, तो यह घोटाला 13 हजार करोड़ रुपये के भी पार निकल गया.
इस मामले में लगातार जांच जारी है और इसमें ने कई गिरफ्तारियां भी कर ली हैं. धोखाधड़ी के इस मामले के केंद्र में हीरा कारोबारी नीरव मोदी और गीतांजलि ज्वैलर्स से जुड़े मेहुल चौकसी हैं.