नई दिल्ली। केंद्र सरकार ने केजरीवाल सरकार की घर-घर राशन योजना पर एक बार फिर से रोक लगा दी है। दिल्ली सरकार ने राजधानी के 72 लाख राशन कार्डधारकों के घर तक राशन पहुंचाने की योजना बनाई थी। दिल्ली में पहले 12 अप्रैल से इस योजना का ट्रायल शुरू होने वाला था, लेकिन कोरोना के केसों में वृद्धि और फिर लॉकडाउन के कारण इस रोक दिया गया था।
एक सप्ताह बाद यह योजना फिर से लागू होनी थी और इसको लेकर सारी तैयारियां कर ली गई थीं। योजना की शुरुआत से ऐन पहले केंद्र द्वारा इस पर रोक लगा दी गई है। यह दूसरी बार है जब घर-घर राशन योजना पर रोक लगाई गई है।
दिल्ली सरकार ने इस योजना के लिए केंद्र सरकार से मंजूरी नहीं ली थी, इसके चलते केंद्र ने शनिवार को इस पर फिर से रोक लगा दी है।
गौरतलब है कि इससे पहले 19 मार्च को भी केंद्र सरकार ने दिल्ली में राशन की डोर स्टेप डिलीवरी पर रोक लगा दी थी। उस वक्त 25 मार्च से यह योजना शुरू होने वाली थी।
केंद्र सरकार ने दिल्ली सरकार के खाद्य आपूर्ति सचिव को चिट्ठी लिखकर कहा था कि इस योजना को शुरू न करें, जबकि केजरीवाल सरकार इस योजना के लिए टेंडर भी जारी कर चुकी थी और 25 मार्च से इसे लॉन्च किया जाना था। केंद्र के इस कदम के बाद ‘आप’ ने पूछा था कि मोदी सरकार राशन माफिया को खत्म करने के खिलाफ क्यों है?
केंद्र द्वारा नाम पर ऐतराज जताए जाने के बाद दिल्ली सरकार ने राशन की डोर स्टेप डिलीवरी योजना को बिना नाम शुरू करने का निर्णय लिया था। केंद्र सरकार द्वारा “मुख्यमंत्री घर घर राशन योजना” पर पहले इसके नाम के कारण रोक लगा दी गई थी। केंद्र के इस ऐतराज के बाद योजना का नाम हटा दिया था।