नई दिल्ली। रिलायंस इंडस्ट्रीज के अध्यक्ष मुकेश अंबानी ने कहा है कि जलवायु के मोर्चे पर भारत और दुनिया कठिन दौर से गुजर रही है। ग्लोबल वार्मिंग के खतरे सामने हैं ऐसे में हमारे पास केवल एक ही विकल्प है और वो है ग्रीन, साफ और नवीकरणीय एनर्जी को तेजी से अपनाना।
इस आपदा को अवसर में बदल कर, भारत को ग्रीन एनर्जी का वर्ल्ड लीडर बनना होगा। प्रधानमंत्री मोदी के ‘ग्रीन हाइड्रोजन मिशन’ का जिक्र करते हुए अंबानी ने अंतर्राष्ट्रीय जलवायु शिखर सम्मेलन को वर्चुअली सम्बोधित करते हुए कहा कि यह दोहरी रणनीति है इसमें एक तरफ भारत कच्चे तेल पर भारत की निर्भरता कम होगी, दूसरी तरफ भारत वैश्विक प्रयासों की अगुवाई करके विश्व लीडर बनेगा।
भारत के 75वें स्वतंत्रता दिवस यानी ‘आजादी का अमृत महोत्सव’ पर मिशन की शुरूआत कर प्रधानमंत्री ने देश और दुनिया को ग्रीन एनर्जी अपनाने का संदेश दिया है। देश ने प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में 100 गीगावाट अक्षय ऊर्जा का मुकाम हासिल कर लिया है। अब हम 2022 तक 175 गीगावाट के लक्ष्य की तरफ मजबूती से बढ़ रहे हैं।
भारत ग्रीन एनर्जी में वर्ल्ड लीडर कैसे बन सकता है, इसपर अपना दृष्टिकोण सांझा करते हुए अंबानी ने बताया कि भारतीय उपमहाद्वीप प्रचुर मात्रा में अक्षय ऊर्जा संसाधनों से भरा है। यहां सूर्य देव, वायु देव प्रचुर ऊर्जा प्रदान करते हैं। एक वर्ष में 300 दिन धूप खिली रहती है।
देश की केवल 0.5 प्रतिशत भूमि का इस्तेमाल कर 1,000 गीगावट सौर ऊर्जा आसानी से उत्पन्न कर सकता है। टू-वे ग्रिड, माइक्रो-ग्रिड, बेहतर एनर्जी भंडारण समाधान और स्मार्ट मीटर में निवेश करके हम आम व्यक्ति तक इसे पहुंचा सकते हैं। भारत सरकार देश में एक ग्रीन हाइड्रोजन इको-सिस्टम बनाने की योजना बना रही है, जो निवेश को आकर्षित करेगी।